बीते सोमवार को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद तनाव कम करने को
लेकर लगातार बातचीत का दौर जारी है। दोनों देश एक बार फिर से कॉर्प्स कमांडर लेवल
की बातचीत करेंगे। सेना के सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि लद्दाख में चल
रहे विवाद पर चर्चा करने के लिए कॉर्प्स कमांडर लेवल की बातचीत के लिए सहमति बनी
है। एलएसी पर चुशुल के सामने चीन की ओर मोल्डो में यह बातचीत का होना तय हुआ है।
गलवान घाटी में सोमवार को चीन के साथ हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे। जिसके बाद से
एलएसी पर तनाव लगातार जारी है। हालांकि, तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच ग्राउंड लेवल पर प्रयास जारी है। 15
जून से अब तक तीन बार मेजर जनरल स्तर की बातचीत
हो चुकी है। बीते गुरुवार को मेजर जनरल स्तर की बातचीत के बाद चीन ने भारत के दस
सैनिकों को वापस भेजा था। कारू स्थित मुख्यालय 3 इन्फैंट्री डिवीजन के कमांडर मेजर जनरल अभिजीत बापट और उनके
चीनी समकक्ष के बीच गुरुवार को तीसरी मुलाकात हुई। बैठक में बातचीत तो
सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हुई लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका। तनाव
को कम करने के लिए दोनों देशों के सैन्य अधिकारी आगे भी बातचीत जारी रखेंगे। लेकिन
चीन के साथ बातचीत का एक सच ये भी है कि चीन का विश्वास नहीं किया जा सकता,
6 जून को बातचीत के बाद जिस बात पर सहमति बनी थी
चीन ने उसका उल्लंघन किया और नतीजा हमारे 20 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए। भारत ने बातचीत का रास्ता तो
खुला रखा है लेकिन साथ ही साथ सीमा पर सैनिकों की तैनाती और सैन्य साजो सामान भी
जमा कर रहा है। इस बीच साउथ चाइना सी में अमेरिका ने अपना सैन्य बेड़ा भेज दिया है
जो परमाणु हथियारों से लैस है। बातचीत के साथ-साथ भारत चीन पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव
भी बना रहा है और कूटनीतिक स्तर पर भी उसे घेरने की कोशिश कर रहा है।