रेल मंत्रालय ने बैठक करने के बाद कुछ बड़े फ़ैसले लेने का इशारा कीया जिसके बाद बदल जाएगी रेलवे की तस्वीर इस ख़बर को पढ़ने के बाद आप भी कहेंगे अब आपकी यात्रा होगी मंगलमय बैठक के दौरान रेल मंत्रालय और नीति आयोग के अधिकारियों ने निजी कंपनियों को बिडिंग प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी. रेलवे का मानना है कि इन ट्रेनों को चलाने की जिम्मेदारी एक से ज्यादा कंपनियों को दिए जाने से स्वस्थ प्रतियोगिता होगी और सर्विस डिलीवरी की गुणवता बढ़ेगी.
तेज सुरक्षित और आरामदायक सेवा के उद्देश्य को ध्यान में रखकर शुरू होने जा रही प्राइवेट ट्रेनों की दिशा में भारतीय रेलवे रफ्तार में काम रही है. इस सिलसिले में रेलवे ने मंगलवार को देश में निजी ट्रेन चलाने की इच्छुक 16 कंपनियों के साथ मीटिंग की. इस दौरान रेलवे ने कहा कि प्राइवेट ट्रेन चलाने को इच्छुक कंपनियां अपने पसंद से ट्रेन खरीद सकेंगी या लीज पर ले सकेंगी.
इस मीटिंग रेल मंत्रालय और नीति आयोग से जुड़े अधिकारियों ने निजी कंपनियों के सवालों का जवाब दिया और निजी ट्रेनों के परिचालन से जुड़ी उनकी शंकाओं का समाधान किया.
109 जोड़ी रूट पर 151 आधुनिक ट्रेनें
बता दें कि रेल मंत्रालय पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर देशभर में निजी ट्रेन को चलाने की महात्वाकांक्षी परियोजना पर काम रहा है. इस सिलसिले में रेलवे ने देशभर के 109 जोड़ी रूटों पर 151 आधुनिक यात्री रेलगाड़ियां चलाने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं. ये 151 ट्रेनें अभी चल रही ट्रेनों के अलावा होंगी. इसके लिए रेलवे ने 12 आवेदन आमंत्रित किए थे.
रेलवे की इस कोशिश के नतीजे के रूप में भारतीय रेलवे में नई तकनीक आएगी, रेलवे का राजस्व बढ़ेगा और रोजगार के नए मौके पैदा होंगे.
30000 करोड़ रुपये का होगा निवेश
मीटिंग के दौरान रेल मंत्रालय और नीति आयोग के अधिकारियों ने निजी कंपनियों को बिडिंग प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी. रेलवे का मानना है कि इन ट्रेनों को चलाने की जिम्मेदारी एक से ज्यादा कंपनियों को दिए जाने से स्वस्थ प्रतियोगिता होगी और सर्विस डिलीवरी की क्वॉलिटी बढ़ेगी
. रेलवे का अनुमान है कि इस स्कीम के कारगर होने से रेलवे में 30000 करोड़ रुपये का निजी निवेश होगा. इन ट्रेनों की वजह से पैसेंजर सर्विस सेक्टर में मांग और आपूर्ति के बीच बनी खाई को भी पाटने में मदद मिलेगी.