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ट्रेनों का संचालन बढ़ा तो रेलवे ने कम कर दिए सफाईकर्मी.जिस शर्त के चलते टेंडर को छह माह तक अटकाया,

ट्रेनों का संचालन बढ़ा तो रेलवे ने कम कर दिए सफाईकर्मी जिसके बाद रेलवे स्टेशन पर बढ़ने लगी गंदगी

Gaurav Mishra
  • Jun 5 2020 10:28AM

134 कर्मी हुए बेरोजगार, टेंडर के हिसाब से 338 कर्मचारियों से कराया जाना है सफाई का काम रेलवे ने कई फर्मों को कर्मियों की संख्या कम करने पर किया था बाहर, अब खुद ही बदली शर्तें भारतीय रेलवे लगातार अपनी ट्रेनों का संचालन कर रहा है.ऐसे में ट्रेनों में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों के लिए पूरी खबर है भारतीय रेलवे ने ट्रेनों में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या भी कम कर दी है और टेंडर की जो प्रक्रिया है उसमें परिवर्तन किया है.

आइए जानते हैं पूरे मामले को कोरोना संक्रमण के चलते करीब 70 दिन तक बंद रहा ट्रेनों का संचालन अब गति पकड़ने लगा है। जयपुर से भी 6 जोड़ी मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन पूरी तरह पटरी पर आ गया है। हालांकि रेलवे ने ट्रेनों का संचालन शुरू होने के बाद अपनी बनाई हुई शर्तों को ही बदल दिया है। रेलवे के इस विवादित निर्णय से 134 कर्मियों के समक्ष आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। ये है पूरा मामला रेलवे ने नवंबर 2018 में जयपुर स्टेशन की साफ-सफाई के लिए टेंडर जारी किया। इस टेंडर को एक कठिन शर्त की वजह से फाइनल होने में करीब छह माह का समय लग गया। काफी मशक्कत के बाद यह काम महाराष्ट्र की एक बड़ी कंपनी को सौंपा गया। यह शर्त स्टेशन पर साफ-सफाई करने वाले कर्मचरियों की संख्या से जुड़ी थी। रेलवे ने फर्म को कर्मचारियों की संख्या 338 रखने के लिए कहा था ताकि स्टेशन को तीन अलग-अलग शिफ्ट में 24 घंटे चमकाया जा सके। अब रेलवे ने रात को सफाई का काम बंद कर दिया है। जिस शर्त के चलते रेलवे को टेंडर फाइनल करने में मशक्कत करनी पड़ी और लगातार दो बार जयपुर स्टेशन को देश में सबसे स्वच्छ स्टेशन होने का खिताब मिला, रेलवे ने अब उसी शर्त को ही बदल दिया। रेलवे के इस निर्णय ने कोरोना जैसे संकटकाल में 134 सफाईकर्मियों के समक्ष आजीविका का संकट पैदा कर दिया है। बोर्ड ने गैर जरूरी खर्चों में कमी के लिए कहा, रेलवे ने सफाई को ही मान लिया गैर जरूरी रेलवे ने जिस निजी फर्म को साफ सफाई का काम सौंपा है, उसे रेलवे द्वारा चार साल के लिए 48 करोड़ रुपए भुगतान किए जाएंगे। कोरोना संक्रमण के चलते ट्रेनों का संचालन बंद होने से रेलवे की आय पर असर पड़ा है। ऐसे में रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल रेलवेज को अनावश्यक खर्चा कम करने की सलाह दी। तो जयपुर मंडल प्रशासन ने सफाई व्यवस्था को ही गैर जरूरी मानते हुए इसमें कटौती कर खर्चा कम करने की योजना बना दी। जबकि रेलवे बोर्ड ने अनावश्यक प्रोजेक्ट और गैर जरूरी कामों पर पैसा खर्च नहीं करने का निर्देश दिया था। रेलवे के इस निर्णय से जयपुर के हाइजीन होने पर संकट खड़ा हो गया है। साथ ही स्टेशन पर 24 घंटे साफ सफाई से जुड़ा काम भी बंद हो गया है।

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