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Independence Day: सुदर्शन न्यूज़ के प्रांगण में सुरेश चाव्हणके जी ने किया ध्वजारोहण... संबोधन के दौरान लिया राष्ट्रनिर्माण और देश के विकास और सम्मान का संकल्प

राष्ट्वादी पत्रकारिता को समर्पित राष्ट्रीय चैनल सुदर्शन न्यूज के मुख्यालय में आज 76वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर चैनल के प्रधान संपादक श्री सुरेश चव्हाणके जी ने भारत माता को पुष्प अर्पित किए और वीर बलिदानियों को कोटि-कोटि नमन किया।

Vaishnavi Chauhan
  • Aug 15 2022 7:36PM

राष्ट्वादी पत्रकारिता को समर्पित राष्ट्रीय चैनल सुदर्शन न्यूज के मुख्यालय में आज 76वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर चैनल के प्रधान संपादक श्री सुरेश चव्हाणके जी ने भारत माता को पुष्प अर्पित किए और वीर बलिदानियों को कोटि-कोटि नमन किया। इससे पहले उन्होंने सुदर्शन के प्रांगण में भारत माता, अमर वीर सावरकर, बलिदानी चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह और पराक्रमी सुभाष चन्द्र बोस को माल्यार्पण किया। ध्वजारोहण करने के बाद सुरेश चव्हाणके जी ने वहां मौजूद आगंतुकों को संबोधित भी किया। आपको बता दें कि चव्हाणके जी ने संबोधन की शुरुआत भारत "माता की जय" के नारो के साथ की। इस दौरान उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर बोलने के अधिकारों पर चर्चा करते हुए अपनी बातें रखी। चव्हाणके जी ने कहा कि हम अभी पूरी तरह से देश को आजाद नही मानते। राजनीतिक क्षेत्र के लोग शायद ये बोलने का साहस नहीं कर पाए, लेकिन उसके कई कारण हो सकते है, मैं उनकी देशभक्ति पर प्रश्न नही उठाता, परंतु इतने वर्षों बाद जब हम अमृत महोत्सव मनाने जा रहे है। तो यह गौर करने वाली बात है, क्या हमारा देश पूरी तरह से स्वतंत्र हो चुका है? उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि आज हमने स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण कर लिए और आज हम 76वीं वर्षगांठ मना रहे है। स्वतंत्रता दिवस की इस 75 वर्षों की यात्रा को वैसे तो किसी देश के लिए बहुत लंबा नहीं कहा जा सकता, लेकिन बहुत छोटा भी नहीं कहा जा सकता। इन 75 वर्षों को हम बदलते और नाकार्तमक क्षेत्र की तरफ बढ़ते देख रहे है। आज मैं आपके सामने उन करोड़ों लोगों के प्रतिनिधी के रुप में खड़ा हूं, जिन्होंने इस देश के लिए अपने प्राण दिए और अपने सर्वस्व का त्याग कर दिया, उन लोगों का सपना, संकल्प क्या आज सही दिशा में जा रहा है?

इन 75 वर्षों को हमारे लिए अवसर कहा गया, जबकि यह 75 वर्ष हमारे लिए किसी धोखे से कम नहीं थे। हमारी पहचान, संस्कृति, चिन्ह, धर्म, हमारी पारिवारिक मूल्यों की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया। चव्हाणके जी ने कहा की मैंने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रमुख मुद्दों पर 25 वर्षों में कार्य करने का संकल्प लेने का विचार किया है। उन्होंने कहा कि हमें आज अपने आप को यह पूछना है, कि क्या यह देश सौ वर्षों बाद औरंगजेब की वासना और जिहादियों के षड़यंत्रों के अनुरुप इस्लामिस्तान रहेगा, जो कि पकड़े गए पीएफआई के डोक्यूमेंट में उसकी योजना है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज का हिंदू राष्ट्र का संकल्प वाला वो राज होगा या औरंजेब के वाशना को उनको इस्लामिस्तान और गजवा-ए-हिंद बनने वाला होगा, लेकिन हमें देश को गजवा ए हिंद नहीं बनने देना है, तो हम करेंगे क्या? केवल चिल्लाने विकटीम कार्ड खेलने, इतने से काम नहीं चलेगा, इसके लिए हमको दो प्रकार की रणनीतियों पर काम करना होगा। एक होगी स्टैटिक, अंतत: स्थायी रणनीति, जिस पर हम निरंतरता से चल रहे हैं। दूसरी डायनामैटिक, जिसको हम स्थायी रणनीति कह सकते हैं या समसामयिक रणनीति कह सकते हैं। इस देश को 25 वर्षों में हम औरंगजेब के वंशजों के द्वारा रचे गए षड़यंत्रों से मुक्त कराए। ईसाई षड़यंत्र जो ब्रिटिशों ने रचाकर इस देश को हमसे छिनने की पूरी योजना बना रखी है। हमें इस योजना को विफल करने के प्रयास में जुटना होगा। साथ ही हमें जिहादी शक्तियों से देश को मुक्त कराना होगा। उन्होंने कहा हमारा दूसरा संकल्प होगा कि हम अपने सनातन मूल्यों को अपने व्यक्तिगत जीवन में धारण करेंगे।  

उन्होंने कहा सीमाओं के साथ ही छोटे और गरीब देशों को कर्जे में डूबोकर लूटने का काम जारी है। उन्होंने नेपाल, श्रीलंका जैसे देशों का उदहारण देते हुए कहा चीन ने इन देशों को कर्ज बांटकर इन देशों पर कब्जा किया, यह नया ईस्ट इंडिया कंपनी का मॉडयूल है। यह विश्व पर राज करने के लिए अपनें आपको विश्व में फैलाने की बात करते हैं, और मैं जब सनातन की बात करता हूं, मार्गदर्शन करने के लिए सनातन को फैलाने की बात करता हूं। हमने 2018 में भारत बचाओ यात्रा निकाली थी। वर्ष 2020 में विश्व यात्रा निकालने वाले थे, जिसे कोरोना की वजह से रोकना पड़ा, लेकिन सुर्दशन पुन: इस यात्रा की योजना करेगा। हम विश्व के 11 देशों में जाऐंगे। श्री सुरेश चव्हाणके जी ने अपने संबोधन के अंत में पूर्ण स्वतंत्रता की ओर चलने की बात कही।

 

 

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