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ग्राम मगरोन स्थित जरारूधाम में हुआ गौशाला का लोकार्पण

केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं जलशक्ति राज्मयंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने तहसील बटियागढ़ के ग्राम मगरौन स्थित जरारूधाम में गौ-शाला का लोकापर्ण किया।

Raj Pathak
  • Jan 9 2022 7:43PM

जब यह गौ-शाला 5 साल पहले शुरू हुई थी हमने प्रधानमंत्री के जन्मदिन से शुरू की थी 17 सितंबर 2017 से और आज 5 वर्ष हो गये हैं, यहां की तस्वीर बदल गई है, थोड़ी बहुत यह तो आपको मानना पड़ेगा। यदि एक गाय 20 लीटर दूध देगी तो  किसान की आय दोगुना करने में सहायक होगी। हम इस जिम्मेदारी के अंतर्गत आने वाले 7 वर्षों के अभियान में अपने आप को शामिल करें। इसमें 150 गाय नस्ल सुधार के लिए यहीं पर रहेंगी, जिससे कि वह इस रिलेशन में रहेगीं और एक से डेढ़ महीने के अंदर गर्भाधान की प्रक्रिया शुरू होगी। इस आशय के विचार आज केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं जलशक्ति राज्मयंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने तहसील बटियागढ़ के ग्राम मगरौन स्थित जरारूधाम में गौ-शाला का लोकापर्ण करते हुये व्यक्त किये। इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटैल, सांसद प्रतिनिधि नरेन्द्र बजाज, पूर्व भाजपा अध्यक्ष नरेन्द्र व्यास, गोपाल पटैल सहित अन्य जनप्रतिनधिगण मौजूद थे।

            केन्द्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद पटैल ने कहा यह भवन बाकी गौशालाओं से अलग होगा यहां वहीं गाय रखी जाएंगी जो नस्ल सुधार का काम करेंगे इसमें आप सब का सहयोग जरूरी है आप आइए प्रशिक्षण लीजिए।श्री गिरीराज पशुपालन मंत्री रहते हुए, उन्होंने जब अभ्यारण को नस्लें सुधार का प्रोजेक्ट दिया था, उसी समय की मध्य प्रदेश सरकार की गौशाला की योजना है, उसके तहत इस भवन का निर्माण किया गया है, आज इसका लोकार्पण हुआ है।

            उन्होंने कहा हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती भूसा की थी, कि हम खिलाएंगे क्या और आप ही देखते हो कि सड़ता रहता है रखने की जगह नहीं है हम चाहते थे कि सरकार संसाधन दे संसाधन के लिए हम इंतजार करें इसके लिए हम तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कोई काम हमें जरूर शुरू करना चाहिए और मैं मानता हूं कि हमारे मित्रों ने जिस तरह से सहयोग किया उस दृष्टि से हम सब अपनी आंखों से देख रहे हैं।

             उन्होंने कहा अगर कोई गाय 2 लीटर दूध देने वाली भी रही है, उसका गर्भाधान होगा उस से जन्ननीय होने वाली जो भी बछिया होगी, जब वह गाय बनेगी तो 7 गुना से ज्यादा दूध की मात्रा उसमें हो सकती है और इनसे पैदा होने वाली जो बछिया होगी, उनका जब तीसरी बार गर्भाधान होगा तीसरी पीढ़ी में तब, यदि 25 लीटर वाले सांड से  उनका गर्भधान कराया जाएगा तो यह 20 लीटर से ऊपर तक दूध दे सकती है। उन्होंने सभी से आग्रह करते हुए कहा भारत सरकार के इस गर्भाधान अभियान में जरूर शामिल हो और जो अन्य गाएं हैं भारत सरकार मुफ्त में उनका गर्भाधान कराती हैं शेष बचे हुए गोवंश को उस योजना के तहत गर्भाधान करा कर  इस विश्वास को बढ़ाने का कार्य करेंगे उन्होंने कहा मुझे पूर्ण विश्वास है जिस प्रकार 5 वर्षों में जरारूधाम अभयारण्य ने अपने स्वरूप को बदला है  हम अपने लक्ष्य को तेजी के साथ प्राप्त करेंगे।

            केन्द्रीय राज्मयंत्री प्रहलाद सिंह पटेल  ने कहा अभी यहां पर जो गाय हैं, एक या दो लीटर ही दूध देती होंगी। इन से पैदा होने वाली बछियों का जो दूध होगा वह इनकी अपेक्षा कम से कम 7 गुना ज्यादा होगा। उनके बछड़ी के होने वाली बछड़ा 15 लीटर तक जा सकता है। आपके घर भी गाय होगी आप कुछ मत करिए आप इतना तो कर सकते हैं कि आप यहां आकर एक बार वह कराइए और दोबारा बछड़ी को और कहीं मत करने दीजिए अगर आपको संरक्षण करने में दिक्कत हो तो आप यहां छोड़ जाइए ताकि यह तय हो सके कि उसका प्रॉपर तरीके से गर्भाधान हो रहा है।

            केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री पटैल ने कहा यह प्रयोग है, हमारे घरों में यह व्यवस्था नहीं हो सकती ,हम कई बार उसको खुला छोड़ देते हैं और उसके बाद  गाय एक बार ग्यावन हो गई फिर दोबारा तो किया नहीं आ सकता, इसमें सबसे बड़ी सावधानी यह है कि यदि आपके पास साल 2 साल की कोई बछड़ी है आप उसके यहां पर छोड़ कर जाइए अगर आपको यह पता है जिससे पैदा हुई है और आप यह बता पाए तो बहुत जल्दी 4 या 5 साल के अंदर परिणाम देख सकते हैं।

            उन्होंने कहा 10 साल बाद हम यह परिणाम घर-घर तक पहुंचाने में सफल होंगे यह मेरा विश्वास है और  इसमें आपका सहयोग चाहिए, यह बची हुई संख्या लगभग 800-900 कि उनके लिए भारत सरकार एक प्रॉपर तरीके से मुफ्त में गर्भाधान कराती है अभी तक बिहार एवं उत्तर प्रदेश में यह मुफ्त अभियान चलता रहा है यहां पर भी कई लोगों को पता होगा हमारे पास बड़े पैमाने पर जो भी 800 से 900 बची हुई गाय निकलेगी उनका, समानता उसी प्रकार से गर्भाधान इसलिए कराएंगे कि उनका जब पहला बछड़ा या बछड़ी होगा उनके बाद में उनको तो हम कम से कम बेहतर तरीके से गर्भाधान में शामिल कर सकते हैं या दूसरा चरण है जो इसी केंद्र से होगा यदि सड़क पर कोई गाय घूम रही है आप यहां पहुंचा दीजिए जिससे वह सड़क पर ना घूमे खेतों का नुकसान ना पहुंचाएं, इसलिए  गाय सड़क पर बैठी ना मिले आप उन्हें  घास नहीं खिला सकते पानी पिला सकते यह लापरवाही नहीं करनी चाहिए । मैं कृषक बंधुओं से कहता हूं अपने कार्यकर्ताओं से कहता हूं इतना काम तो हम कर ही सकते हैं।

            केन्द्रीय राज्मयंत्री श्री पटेल ने कहा जहां सूखा क्षेत्र था वह पर आज 7 फुट पर पानी है और उन्होंने जो पानी बरसात से आता है उप पूरे पानी को रिसाइकल किया उन्होंने जमीन के नीचे टॉयलेट्स बनाएं जो लोग रहते हैं, टॉयलेट का उपयोग करते हैं, उसका गंदा पानी भी आता है उसको रिसाइकल करते हैं, उसके सिचाई के रूप में उपयोग करते हैं, जो पानी हमारे पास सीमा के भीतर है, उसका एक बूंद भी बाहर नहीं जाएगा। वह प्रकृति में हमारे उपयोग के बाद उपयोग होगा, लेकिन हमें उसको बाहर जाने नहीं देना है इतने प्रयोग ने उनको सेल्फ सस्टेनेबल बना दिया।

             उन्होंने बताया 12 तारीख को एक कार्यक्रम में राजन सिंह जी आ रहे हैं इसमें स्वच्छता एवं जल साक्षरता का कार्यक्रम है हम जल के बारे में जाने की वास्तव में उसके प्रति हमारी जिम्मेदारी क्या है। देखते चीजें कब बदल सकती हैं दुनिया बदल सकती है बशर्ते हमारे सोचने में सामर्थ चाहिए हमारे सोचने में ईमानदार चाहिए सिर्फ मेरे लिए नहीं इस देश के लिए कुछ करने की शिद्दत हम सब के भीतर है उसको और बढ़ाइए ईश्वर से यही प्रार्थना करता हूं। 


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