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रक्षाबंधन में ग्रामीण महिलाएँ स्वदेशी राखियों से सजाएँगी भाईयों की कलाइयाँ, रुद्राक्ष, धान से बनने लगीं राखियाँ, सुदर्शन की स्वदेशी अभियान का देश के गाँवों में व्यापक असर

हमारे देश के हरेक त्योहार और पर्व में सुदर्शन न्यूज़ बड़ी जिम्मेदारी के साथ स्वदेशी का नारा और संकल्प दोहराता रहा है। इसी कड़ी में इसका असर देखने को मिला है हमारे देश के दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में।

योगेश मिश्रा, छत्तीसगढ़
  • Jul 14 2020 9:37AM
हमारे देश के हरेक त्योहार और पर्व में सुदर्शन न्यूज़ बड़ी जिम्मेदारी के साथ स्वदेशी का नारा और संकल्प दोहराता रहा है। इसी कड़ी में इसका असर देखने को मिला है हमारे देश के दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में। 
कहते हैं कि भारत गांवों में बसता है, ऐसे में अब गांवों तक भी सुदर्शन न्यूज़ के स्वदेशी मुहिम की धमक देखी जा रही है।
छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से जुड़ी स्व सहायता समूह की महिलाओं ने रक्षाबंधन के पर्व की तैयारियां शुरू कर दी हैं। उन्होंने भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को मजबूती से बांधने के लिए धान, चावल, रूद्राक्ष, रंगीन मोती, स्टोन, ऊन से राखियां बनाना शुरू कर दिया है‌। बनाई जा रही राखियां आसपास के मार्केंट के दुकानदारों को उपलब्ध  कराया जा रहा है। महिला समूह द्वारा निर्मित ये राखियां सस्ते दामों में लोगों को मिल सकेंगी।
जानकारी के अनुसार एनआरएलएम बिहान से महिला स्व सहायता समूहों को विभिन्न गतिविधियों से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। अगले माह रक्षाबंधन त्यौहार आ रहा है, इसलिए समूहों को स्वदेशी राखियां बनाकर बेहतर स्वरोजगार प्राप्त हो इसके लिए लगातार प्रेरित भी किया जा रहा है।

राखियां बनाने धान, चावल, मोती, रंगीन धागे का उपयोग

जनपद पंचायत बम्हनीडीह की ग्राम पंचायत परसापाली, पोडीशंकर की महिला स्व सहायता समूह जय देवी दाई, सिद्ध बाबा समूह की अध्यक्ष नीरा यादव, लीला देवी, शीतबाबा समूह अध्यक्ष बंसती जायसवाल, निशा जायसवाल, रानी लक्ष्मीबाई समूह बिर्रा की सदस्यों का कहना है कि रक्षाबंधन बनाने से उन्हें   कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान समूह को स्वरोजगार मिल रहा है। छत्तीसगढ़ी देशी राखियों के निर्माण में धान, चावल एवं अन्य अनाज का उपयोग किया जा रहा है। पिछले एक सप्ताह से राखियां बनाकर उन्हें आसपास के मार्केट में बेचा जा रहा है, इससे समूह को अच्छी आमदनी हो रही है। रक्षाबंधन त्यौहार के पूर्व समूह की महिलाएं घरों में कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए रेशम के धागेे, छोटे-बड़े मोती, चावल के दाने, अलग-अलग रंगीन कपड़े, छोटे-छोटे रूद्राक्ष, रंगीन पत्थर आदि  मार्केट से खरीदकर उनसे राखियां तैयार कर रहीं हैं।

स्वदेशी राखियां खरीदने समूहों की अपील

नगरदा क्लस्टर के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सकरेली खुर्द के बजरंग समूह, जर्वे के सर्वमंगला समूह की अध्यक्ष हमेश्वरी श्रीवास, जेठा कलस्टर से नया सवेरा समूह की अध्यक्ष ज्योति डनसेना, जनपद पंचायत के  बलोदा के अंतर्गत नवगवा स्व सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा राखी बनाई जा रही है। समूह की महिलाओं द्वारा देशी राखियां  खरीदने की अपील लोगों से  की जा रही  है  ताकि उन्हें रोजगार मिलता रहे और देश का पैसा देश में ही रहे।

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