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ICC Under-19 World Cup: आखिर कैसे अलग है ICC U-19 World Cup 2008 और 2022 की जीत? यहां है पूरी जानकारी

वेस्टइंडीज में भारतीय टीम के फील्डिंग कोच मुनीश बाली 2008 और 2022 में हासिल की गई जीतों के बीच में अंतर बताते हुए कहते हैं कि बाली ने कहा है कि 2008 में टीम चुनौती के लिए तैयार थी और खिलाड़ियों के पास घरेलू क्रिकेट का अनुभव भी था, लेकिन 2022 की टीम के सामने चुनौतियां कम नहीं थीं क्योंकि कोविड के कारण वह कई टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले सके थे.

Geeta
  • Feb 10 2022 3:57PM

भारत के जबरदस्त युवा खिलाडियों ने वेस्टइंडीज में खेले गए आईसीसी अंडर-19 विश्व कप (ICC Under-19 World Cup) में शानदार प्रदर्शन कर जीत हासिल कर देश को पांचवीं बार खिताब दिलाया. बता दें कि विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने 2008 में अंडर-19 विश्व कप जीता था.

वेस्टइंडीज में भारतीय टीम के फील्डिंग कोच मुनीश बाली 2008 और 2022 में हासिल की गई जीतों के बीच में अंतर बताते हुए कहते हैं कि बाली ने कहा है कि 2008 में टीम चुनौती के लिए तैयार थी और खिलाड़ियों के पास घरेलू क्रिकेट का अनुभव भी था, लेकिन 2022 की टीम के सामने चुनौतियां कम नहीं थीं क्योंकि कोविड के कारण वह कई टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले सके थे.

बाली ने क्रिकेटनेकेस्ट को दिए इंटरव्यू में कहा, “दोनों टीमों के सफर में काफी अंतर था और दोनों ने अपनी चुनौतियों का सामना किया. 2008 में हमारे कई खिलाड़ी थे जो रणजी ट्रॉफी खेले थे जैसे विराट कोहली, रवींद्र जडेजा. मनीष पांडे, सिद्धार्थ कौल और ये भी इस विश्व कप के लिए तैयार थे. टूर्नामेंट से पहले इन सभी के पास अंडर-19 टीम के साथ टूर करने का अनुभव था.

उन्होंने कहा, “लेकिन इस बार महामारी के कारण स्थिति काफी अलग थी. 15 महीनों तक कोविड के कारण जूनियर क्रिकेट का कोई टूर्नामेंट नहीं हुआ जिसके कारण खिलाड़ी थोड़े जंग खाए हुए से थे. हमने अंडर-19 विश्व कप से तीन महीने पहले तैयारी शुरू की थी और अधिकतर खिलाड़ियों ने टेस्ट क्रिकेट नहीं खेली थी. उन्होंने सिर्फ एक बड़ा टूर्नामेंट खेला था और वो था वीनू मांकड. वहां से एनसीए, चयनकर्ताओं और बीसीसीआई ने प्लानिंग शुरू की. उन्होंने 90 खिलाड़ी चुने और उन्हें छह टीमों में बांटकर चैलेंजर ट्रॉफी में खिलाया. चैलेंजर के बाद दो टीमें बनाई गईं. दिसंबर में एशिया कप के लिए टीम चुनी गई. तब से हर किसी ने शानदार काम किया और इस टूर्नामेंट में सफलता हासिल की.

अंडर-19 विश्व कप के दौरान टीम इंडिया में कोरोना ने सेंधमारी कर दी थी और इसकी जद में कप्तान यश, शेख रसीद के साथ अन्य खिलाड़ी भी आ गए थे. बाली ने इस समय के बारे में बताते हुए कहा, “पूरे टूर्नामेंट के दौरान खिलाड़ियों ने एक साथ सफर किया. इन लोगों के बीच में दोस्ती अच्छी थी और इन्हें उन लोगों की चिंता थी जो संक्रमित हुए थे. लेकिन हम जानते हैं कि जो हुआ उसे कोई नियंत्रित नहीं कर सकता. वीवीएस लक्ष्मण और ऋषिकेश कानिटकर ने खिलाड़ियों को सही दिशा में काम करने और सकारात्मक रहने के लिए प्रेरित किया. हम उम्मीद कर रहे थे कि खिलाड़ी जल्दी ठीक हो जाएं वहीं हमारे अन्य खिलाड़ी भी मौके को भुनाने को तैयार थे.

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