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मैं बीफ खाना चाहता हूँ और मैं खाऊँगा, हिंदू भी खाते हैं... कांग्रेस नेता सिद्धारमैया के बयान से हिन्दुओं में उबाल

सिद्धारमैया तुमकुरु में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि संघ के लोग समुदायों के बीच टकराव पैदा कर रहे हैं. उन्होंने कहा, बीफ खाने वाले सिर्फ एक समुदाय के नहीं हैं. उन्होंने कहा, मैं हिंदू हूं. लेकिन मैंने अभी तक बीफ नहीं खाया.

Prem Kashyap Mishra
  • May 24 2022 2:40PM

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेसी नेता सिद्धारमैया ने बयान देकर सियासत गर्मा दिया है. सिद्धारमैया ने हिंदू विरोधी बयान देते हुए हिंदू धर्म पर प्रहार कर दिया. हिंदू धर्म में गाय को माता माना जाता है लेकिन कांग्रेसी नेता ने यह कहा की हिंदू धर्म में बीद्फ़ खाया जाता है. यह वो शब्द थे जो हिन्दुओं को अपमानित करने और हिंदू के खिलाफ जहर उगलने का संकेत देते हैं. उन्होंने कहा, वे हिंदू हैं और उन्होंने अभी तक बीफ नहीं खाया. लेकिन चाहें तो वे बीफ खा सकते हैं. यह उनकी मर्जी है. कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि RSS इंसानों के बीच मतभेद पैदा कर रहा है.

सिद्धारमैया तुमकुरु में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि संघ के लोग समुदायों के बीच टकराव पैदा कर रहे हैं. उन्होंने कहा, बीफ खाने वाले सिर्फ एक समुदाय के नहीं हैं. उन्होंने कहा, मैं हिंदू हूं. लेकिन मैंने अभी तक बीफ नहीं खाया. लेकिन मैं चाहूं तो बीफ खा सकता हूं. आप मुझ पर सवाल उठाने वाले कौन हैं? कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने कहा, बीफ खाने वाले सिर्फ एक समुदाय के नहीं होते. हिंदू भी बीफ खाते हैं, क्रिश्चियन भी खाते हैं. उन्होंने कहा, यहां तक कि मैंने एक बार कर्नाटक असेंबली में भी कहा था कि आप कौन होते हो, मुझे ये बताने वाले कि मैं बीफ न खाऊं. यह खाने की आदत से जुड़ा मामला है. यह मेरा अधिकार है.

आपको बता दें कर्नाटक में भाजपा सरकार ने जनवरी, 2021 में कर्नाटक वध रोकथाम और मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2020 को अधिनियमित किया। इस कानून के तहत सभी प्रकार के मवेशियों को खरीदना, बेचना, परिवहन करना, वध करना और व्यापार करना अवैध है। इसमें गाय, बैल, भैंस और बैल शामिल हैं। खास बात है कि 13 साल की उम्र की भैंस और बीमार मवेशियों को इस कानून के तहत छूट है, लेकिन पशु चिकित्सक के सर्टिफिकेट के बाद ही उनका वध किया जा सकता है। कानून का उल्लंघन करते पाए जाने वालों को 50 हजार से 5 लाख रुपये का जुर्माना, सात साल की जेल हो सकती है। 

 

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