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कैसे करें करवा चौथ का व्रत...करवा चौथ व्रत की पूजन विधि।

कार्तिक मास के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाने वाला यह त्‍योहार दीपावली से 9 दिन पहले मनाया जाता है।करवाचौथ हिंदुओं का खास तौर पर महिलाओं का ऐसा त्‍योहार है जो वह पूरी श्रद्धा और आस्‍था से मनाती हैं। इस दिन महिलाएं पूरे नियमों का पालन करती हैं और चांद के दर्शन करने के बाद ही अपना व्रत तोड़कर पानी पीती हैं। वहीं अगर आपका यह पहला करवाचौथ है यानी आपकी अभी नई-नई शादी हुई है तो यह व्रत और भी खास हो जाता है।

मुकेश कुमार
  • Oct 24 2021 8:10AM
कैसे करें करवा चौथ का व्रत...करवा चौथ व्रत की पूजन विधि* कार्तिक मास के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाने वाला यह त्‍योहार दीपावली से 9 दिन पहले मनाया जाता है। करवाचौथ हिंदुओं का खास तौर पर महिलाओं का ऐसा त्‍योहार है जो वह पूरी श्रद्धा और आस्‍था से मनाती हैं। इस दिन महिलाएं पूरे नियमों का पालन करती हैं और चांद के दर्शन करने के बाद ही अपना व्रत तोड़कर पानी पीती हैं। वहीं अगर आपका यह पहला करवाचौथ है यानी आपकी अभी नई-नई शादी हुई है तो यह व्रत और भी खास हो जाता है। सरगी करवा चौथ की सबसे खास चीज होती है। पहली करवा चौथ पर सास अपनी बहू को सरगी देती है। इस सरगी में फल, मठरी, मिठाई, मेवा और खाने पीने की और चीजें रहती हैं। करवा चौथ पति और पत्‍नी के बीच के प्रेम को दर्शाने वाला बेहद निष्‍ठापूर्ण व श्रद्धा भाव से उपवास रखने का त्‍योहार है। प्राचीनकाल से महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए य‍ह व्रत करती चली आ रही हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए व्रत करती है और ईश्‍वर से आशीर्वाद प्राप्‍त करती है।इस परंपरा के महत्व को स्थापित करने के लिए विभिन्न किंवदंतियां हैं।यद्यपि यह त्यौहार खास तौर से महिलाओं का है, फिर भी पति इसमें सक्रीय रूप से भाग लेते हैं। वे खुद के लिए अपनी पत्नी द्वारा किये गए इस कठोर व्रत और प्रार्थना के बदले में उन्हें उपहार देते हैं।  *करवाचौथ के दिन सूर्योदय से पहले उठें*: इस दिन आपको उषाकाल से पहले यह व्रत रखने वाली और महिलाओं के साथ उठकर कुछ खाना तथा पीना चाहिए।  *करवाचौथ के दिन सामूहिक गतिविधियों में सम्मिलित होइए*: सुबह के समय दूसरी महिलाओं के साथ समय बिताइए, और एक-दूसरे के हाथ और पैरों में मेहँदी लगाइए। *करवाचौथ का व्रत और पूजन पूरे विधि-विधान के साथ होता है:* आगे दी गयी सामग्री और विधि द्वारा करवाचौथ की पूजा की जाती है। *पूजन सामग्री*: मिट्टी, ताम्बा अथवा पीतल के दो करवे, दूध, जल, धुप, सुपारी, मौलि, अक्षत, दीप, कपूर, सिंदूर, काजल, पुष्प एवं पुष्पमाला, जल के लिए तीन पात्र, नैवेध्य के लिए पूर्ण फल, मेवा या मिठाई, इत्यादि। *पूजा के लिए मंत्र*:‘ॐ शिवायै नमः‘ से पार्वती का, ‘ॐ नमः शिवाय‘ से शिव का, ‘ॐ षण्मुखाय नमः‘ से स्वामी कार्तिकेय का, ‘ॐ गणेशाय नमः‘ से गणेश का तथा ‘ॐ सोमाय नमः‘ से चंद्रमा का पूजन करें। सब तैयारी हो जाने के बाद करवाचौथ की कथा सुनें और फिर चन्द्रमा निकलते ही श्री चन्द्रदेव को अर्ध्य दीजिये। *करवाचौथ के दिन व्रत कथा पढ़ना अनिवार्य माना गया है:* करवाचौथ की कई कथाएं है लेकिन सबका मूल एक ही है।  वीरावती की कथा,करवा की कथा ,द्रौपदी की कथा। *सलाह* 1व्रत तोड़ने के पश्चात् बहुत अधिक न खाएं। अधिक से अधिक पानी पीना और स्वस्थ आहार लेना महत्वपुर्ण है। 2यदि आपको स्वास्थ्य संबंधी कोई चिकित्सीय समस्या हो तो उस वर्ष के लिए यह व्रत आप छोड़ सकती हैं | 3व्रत के दौरान कसरत या व्यायाम न करें।

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