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Himachal Pradesh: कक्षा 9 से सभी छात्र पढ़ेंगे सनातन धर्म का पाठ......गुजरात के बाद हिमाचल प्रदेश ने किया भगवद गीता को स्कूल सिलेबस में शामिल

ठाकुर ने कहा, 'मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि कक्षा 9 से सभी छात्रों को भगवद गीता पढ़ाई जाएगी।' शिक्षा मंत्री मंडी के दरंग क्षेत्र स्थित पधर गांव में लोक निर्माण विभाग के संभागीय कार्यालय का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र के सभी लोगों को शुभकामनाएं दी।

Shanti Kumari
  • Apr 5 2022 1:34PM
हिमाचल प्रदेश से सनातनियों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। जानकारी मिल रही है कि अब कक्षा 9 से सभी छात्रों को 'श्रीमद भगवद गीता' भी पढ़ाई जाएगी। इस बात की जानकारी राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने रविवार को दी। हालांकि ये पहला राज्य नही है जहां सनातन धर्म के पाठ को पढ़ाया जाएगा। इससे पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी स्कूली पाठ्यक्रम में भगवद गीता को शामिल करने की इच्छा जताई थी। इसके गुजरात के स्कूल सिलेबस में भगवद गीता को शामिल किया गया था। खास बात है कि दोनों राज्यों में साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने की संभावना है।

एक समाचार एजेंसी के अनुसार, ठाकुर ने कहा, 'मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि कक्षा 9 से सभी छात्रों को भगवद गीता पढ़ाई जाएगी।' शिक्षा मंत्री मंडी के दरंग क्षेत्र स्थित पधर गांव में लोक निर्माण विभाग के संभागीय कार्यालय का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र के सभी लोगों को शुभकामनाएं दी।

उन्होंने रविवार को ट्वीट किया, 'हमने पधर में लोक निर्माण विभाग के मंडल कार्यालय का शुभारंभ किया।क्षेत्र की समस्त जनता को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। जयराम ठाकुर सरकार दरंग विधानसभा क्षेत्र के लोगों को उनके घर द्वार के समीप हर सुविधा प्रदान करने और क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के लिए निरंतर संकल्पबद्ध है।'

आपको बता दें कि 17 मार्च को गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी ने कहा था कि कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक के छात्रों के लिए भगवद गीता को स्कूल सिलेबस के हिस्से के रूप में शामिल किया जाएगा। इसके बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी स्कूली पाठ्यक्रम में भगवद गीता को शामिल करने की इच्छा जताई थी।

मंत्री ने कहा कि भगवद् गीता में मौजूद नैतिक मूल्यों एवं सिद्धांतों को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय केंद्र की नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की तर्ज पर लिया गया है। उन्होंने कहा कि एनईपी आधुनिक और प्राचीन संस्कृति, परपंराओं एवं ज्ञान प्रणाली को शामिल करने की हिमायत करती है, ताकि छात्र भारत की समृद्ध और विविध संस्कृति पर गर्व महसूस कर सकें। 

बाद में, संवाददाताओं से बात करते हुए वघानी ने कहा कि सभी धर्मों के लोगों ने इस प्राचीन हिंदू ग्रंथ में रेखांकित किये गये नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा, 'इसलिए, हमने छठी से 12वीं कक्षाओं तक के पाठ्यक्रमों में भगवद् गीता को शामिल करने का निर्णय लिया।' उन्होंने कहा कि ग्रंथ के आधार पर स्कूल प्रार्थना, श्लोक का पाठ, गद्यांश, नाटक, क्विज, पेंटिंग जैसी गतिविधियां भी आयोजित करेंगे। मंत्री ने कहा कि पुस्तक एवं ऑडियो-वीडियो सीडी जैसी अध्ययन सामग्री सरकार द्वारा विद्यालयों को उपलब्ध कराई जाएगी।

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