एक तरफ भारत देश में कोरोना से लड़कर देश को बेहतर दिशा देने के लिए सरकार पूरी मेहनत कर रही है। देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने मजदूरों और गरीबों को बेहतर आर्थिक सुधार प्रदान करने 20 लाख करोड रुपए का आर्थिक पैकेज भी केंद्र सरकार ने ऐलान कर दिया है।
वहीं दूसरी तरफ आदिवासी इलाकों में सेवा के नाम पर धर्मांतरण करने वाले लोगों के हौसले बुलंद हैं। इस वैज्ञानिक युग में अस्पतालों में यह पोस्टर चस्पा कर रहे हैं कि 'मैं यीशु मसीह का लहू का टीका लगाया हुआ हूं, मुझे कोई वायरस छू भी नहीं सकता' इस तरह के पोस्टर चस्पा करने की खबर जब सुदर्शन में प्राथमिकता से प्रसारित की। उसके बाद पूरे छत्तीसगढ़ में हड़कंप मच गया है। फिलहाल छत्तीसगढ़ के 4 जिलों में हिंदू संगठनों के अलावा समाज से जुड़े हुए बुद्धिजीवी वर्ग में अंधविश्वास फैलाने वाले लोगों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है और सुदर्शन न्यूज़ की इस हिम्मत को सराहा है।
साथ ही कहा है कि देश एक तरफ कोरोना जैसी महामारी से लड़ने में मेहनत कर रहा है, वहीं दूसरी ओर आदिवासी क्षेत्रों में अंधविश्वास फैलाने वाले लोग अपने हौसले बुलंद करने में लगे हुए हैं।
बतादें कि छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में होली क्रॉस कुनकुरी हॉस्पिटल अंतर्गत अंधविश्वास फैलाए जाने का मामला सामने आया था। इस मामले को सुदर्शन न्यूज़ ने प्रमुखता से प्रकाशित किया और अंधविश्वास फैलाने वाले लोगों के चेहरे से नकाब हटाया।
सुदर्शन न्यूज़ द्वारा खबर चलाई जाने के बाद पूरे छत्तीसगढ़ में इसका असर देखने को मिल रहा है। जशपुर जिले के पड़ोसी जिले की अगर बात करें, तो बलरामपुर जिले में हिंदू युवा मंच के कार्यकर्ताओं ने इस मामले पर अलग-अलग थानों में ज्ञापन सौंपकर भ्रामक जानकारी फैलाए जाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की है ।
हिंदू युवा मंच बलरामपुर के जिला अध्यक्ष निखिल गुप्ता के नेतृत्व में जिले के अलग-अलग थानों में ज्ञापन सौंपकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई है और हिंदू युवा मंच के लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों पर कार्यवाही नहीं होती है, अंधविश्वास फैलाया जाने वाले लोगों पर कार्यवाही नहीं होती है, तो लॉकडाउन के बाद वे आंदोलन हेतु उतारू होंगे।
इसके साथ ही हिंदू युवा मंच के कार्यकर्ताओं ने सुदर्शन न्यूज का धन्यवाद देते हुए कहा कि जिस तरह से राष्ट्र हित की बातों को लेकर सुदर्शन न्यूज़ हमेशा अग्रसर रहता है यह असली पत्रकारिता है। बलरामपुर के साथ ही भानुप्रतापपुर, धमतरी, जशपुर जिले में भी विभिन्न संगठनों ने पुलिस और प्रशासन को ज्ञापन देकर कड़ी कार्रवाई की माँग की है।