देश में पूर्णता पशु हत्या पर रोक लगाने का कहीं न कहीं प्रयास जारी है। यूपी में गौ हत्या पर रोक लगाने के बाद अब उत्तराखंड सरकार ने पशु हत्या को लेकर बड़ा फैंसला लिया है। जिससे उत्तराखंड में देवो की भूमि हरिद्वार की रंगत बदलने वाली है।
दरअसल उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने बूचड़खाने को लेकर बड़ा फैंसला लिया है। सरकार ने हरिद्वार जिले की सभी शहरी स्थानीय निकायों को 'बूचड़खाना मुक्त' घोषित कर दिया। साथ ही जिले में पहले से जारी बूचड़खानों के लिए जारी लाइसेंस भी रद्द कर दिए। बता दें कि हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन होने वाला है ऐसे में उत्तराखंड सरकार का यहा कदम क्रांतिकारी माना जा रहा।
बता दें कि हरिद्वार जिले में दो नगर निगम, दो नगर पालिका परिषद और पांच नगर पंचायत हैं। जानकारी के अनुसार हरिद्वार के लक्सर के विधायक ने बताया कि मंगलौर नगर पालिका परिषद में शुरू होने जा रहे एक बूचड़खाने पर पार्टी के विधायकों की आपत्ति थी। जिसको लेकर विधायकों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखा था।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक विधायकों ने अपने पत्र में कहा था कि 'हरिद्वार जैसी धार्मिक नगरी' में बूचड़खानों की इजाजत नहीं होनी चाहिए। विधायकों के अनुसार बूचड़खाना शुरू करने के लिए लाइसेंस कांग्रेस की सरकार के समय में जारी किया गया। इस बूचड़खाने में रोजाना करीब 550 जानवरों को काटने की अनुमति मिली हुई थी।
बता दें कि ' संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सतमाल महाराज का कहना है कि बूचड़खाने शुरू होने पर रोक लगाने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया था, और इसे मान लिया गया है। अब हरिद्वार के किसी भी क्षेत्र में बूचड़खाना नहीं है।
बता दें कि सरकार के इस फैंसले से गौ हत्या पर रोक लगेगी, साथ ही पवित्र भूमि हरिद्वार की पवित्रत्रा बनी रहेगी। पर अब देखना है कि पूर्णता पशुहत्या पर रोक कब लगेगी।