पहले ज्ञानवापी के मुद्दे पर और फिर ताजमहल के मुद्दे पर कोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए हैं। जिसका मुस्लिम कट्टरपंथी काफी विरोध कर रहे हैं। अब मध्य प्रदेश में स्थित धार भोजशाला पर भी हिन्दू पक्ष के वकील हरि शंकर जैन ने याचिका लगाई है। भोजशाला को लेकर इंदौर हाईकोर्ट में दो मई को याचिका दायर की गई है। इसमें भोजशाला पूर्णत: हिंदुओं के अधिकार में देने की मांग की गई है। इसके लिए प्रमाण भी प्रस्तुत किए गए हैं।
याचिका लगाने वाले हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के प्रदेश अध्यक्ष आशीष जनक ने बताया कि याचिका के माध्यम से हम चाहते हैं कि भोजशाला से ब्रिटिश संग्रहालय भेजी गई मां सरस्वती की प्रतिमा पुनः स्थापित की जाए। भोजशाला की पूरी वीडियोग्राफी व कलर फोटोग्राफी की जाए। आशीष का आरोप है कि मुस्लिमों द्वारा भोजशाला के दीवारों पर, जमीन पर, जो सनातनी संस्कृति के निशान हैं, उन्हें साजिश के तहत मिटाया जा रहा है। यज्ञशाला को अपवित्र किया जा रहा है।
भोजशाला विवाद में हिंदू पक्ष ने हरि शंकर जैन अधिवक्ता के माध्यम से याचिका दायर कर पूर्ण परिसर हिंदुओं को देने की मांग की है। याचिका हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की राष्ट्रीय अध्यक्ष रंजना अग्निहोत्री व कुलदीप तिवारी व धार में रहने वाले प्रदेश अध्यक्ष आशीष जनक, आशीष गोयल, मोहित गर्ग, सुनील सारस्वत, रोहित खंडेलवाल ने दाखिल की है।
मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला लंबे समय से विवाद में रही है। करीब 800 साल पुरानी इस भोजशाला को लेकर हिंदू-मुस्लिम मतभेद हैं। हिंदुओं के अनुसार भोजशाला यानी सरस्वती का मंदिर है। जबकि मुस्लिम इसे पुरानी इबादतगाह बताते हैं। हिंदू संगठन के लोग बताते हैं कि धार की ऐतिहासिक भोजशाला उसके नाम से ही स्पष्ट है कि यह राजा भोज द्वारा स्थापित सरस्वती सदन है यहां कभी 1000 वर्ष पूर्व शिक्षा का एक बड़ा संस्थान हुआ करता था।