(इनपुट - प्रणव त्रिपाठी, हमीरपुर)
लॉकडाउन में गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, आदि राज्यों से गांवों की तरफ लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए संकट की घड़ी में मनरेगा योजना मददगार साबित हुई है, जिलाधिकारी ज्ञानेश्वर त्रिपाठी ने ज्यादा से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिये जाने के निर्देश जारी किए जिसके तहत जिले के 7 विकास खंडो की 330 ग्राम पंचायतों में लौटे हुए 18185 प्रवासी मजदूरों के सापेक्ष 16500 से अधिक मजदूरों को 13007 नए व 990 पूर्व में निर्गत जॉब कार्डो द्वारा मनरेगा से गांवो में ही रोजगार दिया गया है जिससे अब मनरेगा के तहत उनके परिवारो को रोजी-रोटी मिल रही है और श्रमिक इस कोरोना काल मे अपना गुजारा कर पा रहे हैं। वैसे भी मनरेगा योजना के सही क्रियान्वयन के लिए जिलाधिकारी द्वारा समय समय पर समीक्षा की जा रही है।
आंकड़ो के अनुसार देश के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में गिने जाने वाला बुंदेलखंड आज मनरेगा योजना से गांवों में रोजगार देने के मामले में उत्तर प्रदेश में अव्वल चल रहा है मनरेगा को जमीनी धरातल में क्रियाशील बनाने के मामले में बुंदेलखंड के चित्रकूट मंडल के चारो जिले हमीरपुर ,बाँदा, महोबा और चित्रकूट उत्तर प्रदेश के 75 जिलों की सूची में टॉप 15 में जगह बनाने में सफल हुए हैं इससे बखूबी अंदाजा लगाया जा सकता है कि कारोबार से लेकर सब कुछ ठप हो जाने के बाद गांवों में किस तरह से मनरेगा प्रवासी श्रमिकों का सहारा बनी है मनरेगा योजना ने मजदूरों को दो जून की रोटी मुहैया कराने में अहम भूमिका निभाई है जो अब श्रमिकों के गुजर बसर करने का जरिया बन गई है।
प्रवासी श्रमिकों का कहना है कि मनरेगा में भले ही महानगरों की अपेक्षा कम सिर्फ तकरीबन दो सौ रुपये मजदूरी मिलती है मगर वर्तमान में शहरों में रोजगार नहीं है लेकिन गांव में दो सौ रुपये ही सही कम से कम मनरेगा से दो जून की रोटी तो मिल रही है,फिलहाल इस संकट की घड़ी में वह इतने में ही खुश हैं।
मनरेगा के तहत गांवों में रोजगार एव जल संरक्षण के लिए उपयोगी तालाब खुदाई, मेड़बंदी, खेत समतलीकरण एवं सड़क आदि का निर्माण का कार्य कराया जा रहा है जिससे महानगरों से लौटे लोगों को रोजगार मिल रहा है व साथ ही गांवों का विकास भी हो रहा है। मनरेगा योजना को जमीनी धरातल पर सफल बनाने में जिलाधिकारी हमीरपुर का अहम योगदान रहा है, जिसके चलते इस योजना के द्वारा जिले में महानगरों से आये हुए ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सका है।