कट्टरपंथी को डर राष्ट्रवाद से... फिर से फुफकारा हामिद
राष्ट्रवाद पर हामिद अंसारी ने फिर साधा निशाना... शशि थरूर के पुस्तक समारोह में लगा था देश विरोधी नेताओ का जमावड़ा
जो व्यक्ति देश का उपराष्ट्रपति रहा हो और उसका देश के प्रति अनर्गल बयानबाजी देना ।उसकी देश विरोधी मानशिकता को दसर्राता है ये कोई पहला मामला नही जब हामिद अंसारी ने देश के राष्ट्रवाद और वयवस्था पर निशाना साधा।इससे पहले भी कई बार वे देश के खिलाफ बयान दे विवादों में आ चुके हैं।अंसारी ने कहा कि कोरोना के आने से पहले देश 'धार्मिक कट्टरता' और 'आक्रामक राष्ट्रवाद' जैसी महामारी का शिकार हो चुका है.
उन्होंने कहा कि इन दोनों के मुकाबले देशप्रेम अधिक सकारात्मक अवधारणा है। क्योंकि यह सैन्य और सांस्कृतिक रूप से रक्षात्मक है। आपको बताते चलें कि की हामिद अंसारी10 साल तक यूपीए सरकार में दस साल तक उपराष्ट्रपति रहे हैं जिसके बावजूद उन्होंने कहा है कि देश में प्रकट और अप्रकट विचारों एवं विचारधारोंओ से खतरा दिखने लगा है। जो उसको हम और वो श्रेणी बाट रहा है।इसके बाद उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा कहा कि चार वर्षों की अल्पअवधि में देश ने उदार राष्ट्रवाद तक राजीनीतिक परिकल्पना का सफर तय कर लिया है। जिसके विचार से लोगो के दिमाग मजबूती से घिर गये है
यही नहीं एक डिजिटल समारोह में देश विरोध के लोग का जमावड़ा लगा था जिसमे फारुख अब्दुल्ला भी मौजूद थे।उन्होंने इस समारोह में जमकर देश के विरोध में जमकर तीर छोड़े।उन्होंने कहा है कि हमारे पास मौका था कि हम1947 में पाक के पास जाने का लेकिन हमारे पिता और अन्य लोगों ने यही सोचा था कि दो राष्ट्र का सिद्दांत ठीक नहीं है।इसीलिए हम पाकिस्तान के साथ नही गये ।वे यह नही रुके उन्होंने यहाँ तक कह की हम मौजूद भारत सरकार को स्वीकार नही करते।
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