18 जनवरी को दिल्ली उच्च न्यायालय ने फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों के गोकुलपुरी हत्याकांड में मोहम्मद ताहिर, शाहरुख, मोहम्मद फैजल, मोहम्मद शोएब, राशिद और परवेज नाम के छह लोगों को जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति सुब्रमोनियम प्रसाद ने फैसला सुनते हुए जमानत दिया । अभियोजन पक्ष के अनुसार उत्तर पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में भीड़ ने तोड़फोड़ की और मिठाई की एक दुकान में आग लगा दी थी जिससे दिलबर नेगी नाम के 22 वर्षीय एक व्यक्ति की जल कर मौत हो गई थी। नेगी मिठाई की दुकान में काम करता था।
पुलिस के अनुसार, दंगा की घटना 24 फरवरी, 2020 को शिव विहार तिराहा के पास हुई थी, जिसमें आरोपी व्यक्तियों ने कथित तौर पर पथराव किया, तोड़फोड़ की और इलाके की कई दुकानों में आग लगा दी। दो दिन बाद दुकान से नेगी का क्षत-विक्षत शव मिला। गोकुलपुरी पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
जमानत याचिकाओं पर पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने यह कहते हुए याचिकाओं का विरोध किया था कि जहां दंगे सुबह शुरू हुए और देर रात तक जारी रहे, यह नहीं कहा जा सकता कि आरोपी दोपहर में दंगाइयों की भीड़ का हिस्सा थे और नहीं रात के दौरान। 24 फरवरी, 2020 को उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक झड़पें हुईं, नागरिकता कानून के समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा के बाद कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई और लगभग 700 घायल हो गए।
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने आरोपितों की जमानत का कड़ा विरोध किया। महाजन ने दलील दी कि जहाँ दंगे सुबह शुरू हुए और देर रात तक जारी रहे, यह नहीं कहा जा सकता कि आरोपित व्यक्ति दोपहर में दंगा करने वाली भीड़ का हिस्सा थे न कि रात के दौरान पथराव करने वाली भीड़ का। बता दें कि 22 वर्षीय दिलबर नेगी को दिल्ली की गोकुलपुरी में दंगाइयों की भीड़ ने उसके हाथ-पैर काटकर आग में जला दिया था।
नेगी घटना से छह महीने पहले ही अपने पैतृक राज्य उत्तराखंड से नौकरी की तलाश में दिल्ली आया था। दिल्ली पुलिस के अनुसार, 24 फरवरी को शिव विहार तिराहे के पास एक दंगा हुआ था जिसमें आरोपित व्यक्तियों ने पथराव किया, तोड़फोड़ की और वहाँ कई दुकानों में आग लगा दी थी। दो दिन बाद एक मिठाई की दुकान से दिलबर नेगी का क्षत-विक्षत जला हुआ शव मिला था। बताया जाता है कि जब शव को लोगों ने देखा तब भी वह जल रहा था।