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Gyanvapi Row: काशी विश्वनाथ मंदिर के कुलपति का दावा......वजूखाने के भूतल में एक और शिवलिंग मौजूद

सोमवार से जिला अदालत में सुनवाई होगी। वाराणसी जिला अदालत में चार याचिकाएं हैं जिनपर सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक जिला जज को आठ सप्ताह में ज्ञानवापी विवाद पर फैसला सुनाना है। इसी बीच काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत ने दावा किया है कि यहां एक और शिवलिंग है।

Vidyarthi Shivam
  • May 22 2022 9:00PM
वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद अब तूल पकड़ रहा है। बता दें एक तरफ जहा वजूखाने में शिवलिंग मिला है जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि अब सर्वोच न्यायलय ने मामले  को जिला कोर्ट में भेज दिया है। वही इस बीच मामले में और भी ऐसी बाते सामने आ रही है जिससे यह बात साबित होती है कि ज्ञानवापी कोई मस्जिद नही बल्की मंदिर है जिसे तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया है। वही, परिसर में सर्वे के बाद कई तरह के दावे किए जा रहे हैं। कोर्ट में पेश की गई सर्वे रिपोर्ट में ज्ञानवापी परिसर के अंदर कमल, नाग का फन और कई तरह के हिंदू निशान पाए जाने की भी बात कही गई है। दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मामले की सुनवाई जिला जज करें। अब इस मामले में आगे की सुनवाई से पहले काशी विश्वनाथ के मंदिर ने बड़ा दावा कर दिया है। उनका कहना है कि मस्जिद के भूतल में एक और शिवलिंग है। 

सोमवार से जिला अदालत में सुनवाई होगी। वाराणसी जिला अदालत में चार याचिकाएं हैं जिनपर सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक जिला जज को आठ सप्ताह में ज्ञानवापी विवाद पर फैसला सुनाना है। इसी बीच काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत ने दावा किया है कि यहां एक और शिवलिंग है। उन्होंने 154 साल पुरानी तस्वीर दिखाते हुए  कहा कि नंदी भगवान के पास लोग बैठते थे। इसके पास ही एक दरवाजा था जहां शिवलिंग है। यह भूतल में है। 

काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने मांग की है कि शिवलिंग की पूजा पाठ की इजाजत मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, महंत का दायित्व है कि शिवलिंग की पूजा करें। मैं दावे के साथ कहता हूं कि वहां नीचे शिवलिंग है। नीचे के शिवलिंग का पूजा पाठ 1992 से बंद है उसे शुरू करना चाहिए। मैं यह नहीं कहता कि श्रद्धालुओं को जाने की इजाजत मिले।  लेकिन हमें पूजा कि परमिशन मिलना चाहिए जिसके लिए मैं याचिका दाखिल कर रहा हूं।

इस मामले में बनारस के मुफ्ती अब्दुला बातिन नोमानी ने कहा, यह शिवलिंग ने फव्वारा है। फव्वारा ही था और यह इस्तेमाल में आता था। आज भी उस फव्वारे को चलते हुए देखने वाले लोग मौजूद हैं। वे गवाही दे सकते हैं। इस सर्वे में शामिल फोटोग्राफर ने भी कहा कि जो कुआं था वह वजूखाने में डूबा हुआ था। ऐसे में वह फव्वारा कैसा हो सकता है? ऐसा कौन सा फव्वारा होगा जो एक फीट से ज्यादा पानी में डूबा और और फिर पानी ऊपर फेंक सके।

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