आज गोवर्धन का त्योहार मनाया जा रहा है। गोवर्धन पूजा में गौ धन यानी गायों की पूजा की जाती है और गायों को देवी लक्ष्मी का रूप भी कहा जाता है। इसे अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर ब्रजवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाया था। साथ ही इंद्रदेव को उनकी गलती का एहसास भी कराया। उस समय से, भगवान कृष्ण के उपासक उन्हें गेहूं, चावल, बेसन से बनी सब्जियाँ और पत्तेदार सब्जियाँ चढ़ाते हैं।
अन्नकूट पर क्या करते हैं
गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन गोवर्धन पर्वत, भगवान श्री कृष्ण और गाय माता की पूजा की जाती है। इस दिन लोग घर के आंगन में या घर के बाहर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाते हैं और उसकी पूजा करते हैं। साथ ही इस दिन भगवान कृष्ण को विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है।
गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के रूप में भी किया जाता है। इस त्योहार में भगवान कृष्ण के साथ-साथ गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा करने की परंपरा है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग बनाकर अर्पित किए जाते हैं। दिवाली के अगले दिन राजा बलि पर भगवान विष्णु की जीत का जश्न मनाया जाता है।
आयुष्मान एवं सौभाग्य योग
गोवर्धन पूजा के दिन आयुष्मान और सौभाग्य योग बन रहा है. ज्योतिष शास्त्र में इस योग को अत्यंत शुभ एवं लाभकारी माना गया है। माना जाता है कि इस योग में किए गए काम में सफलता मिलती है। आयुष्मान योग सुबह 11:19 बजे तक रहेगा उसके बाद सौभाग्य योग शुरू हो जाएगा।
गोवर्धन पूजा महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गोवर्धन पूजा की शुरुआत सबसे पहले भगवान कृष्ण ने की थी. श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर ब्रजवासियों और पशु-पक्षियों की इंद्र देव के प्रकोप से रक्षा की थी। यही कारण है कि गोवर्धन पूजा में गिरिराज जी के साथ-साथ भगवान श्रीकृष्ण की भी पूजा करने का प्रावधान है। इस दिन अन्नकूट का विशेष महत्व माना जाता है।
गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है। गोवर्धन पूजा की तिथि 1 नवंबर यानी आज शाम 6:16 बजे शुरू होगी और 2 नवंबर यानी कल रात 8:21 बजे समाप्त होगी।
गोवर्धन पूजा के लिए आज तीन दिन सबसे शुभ रहेंगे. एक मुहूर्त सुबह 6:34 बजे से 8:46 बजे तक रहेगा. दूसरा मुहूर्त दोपहर 3:23 बजे से शाम 5:35 बजे तक और तीसरा मुहूर्त शाम 5:35 बजे से शाम 6:01 बजे तक रहेगा।
गोवर्धन पूजन के उपाय
- संतान प्राप्ति के उपाय
गोवर्धन पूजा के दिन दूध, दही, शहद, चीनी और घी से पंचामृत बनाएं। इसके बाद इसमें गंगा जल और तुलसी दल डालें। पंचामृत तैयार होने के बाद इसे शंख में भर लें और भगवान कृष्ण को पंचामृत अर्पित करें। इसके बाद "क्लीं कृष्णाय क्लीं" मंत्र का 11 बार जाप करें। संतान प्राप्ति की आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
- सुख-समृद्धि के लिए उपाय
गोवर्धन पूजा के दिन गाय को स्नान कराकर उन्हें तिलक लगाएं। इसके बाद उसे फल और चारा खिलाएं और गाय की सात बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से आपकी सभी आर्थिक इच्छाएं पूरी हो जाएंगी।
गोवर्धन पूजा कथा
गोवर्धन पूजा करने के पीछे धार्मिक मान्यता यह है कि भगवान कृष्ण इंद्र का घमंड तोड़ना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर गोकुलवासियों की इंद्र से रक्षा की। मान्यता है कि इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन 56 भोग लगाकर गोवर्धन पर्वत की पूजा करने का आदेश दिया था. तभी से गोवर्धन पूजा की परंपरा आज भी जारी है और हर साल गोवर्धन पूजा और अन्नकूट का त्योहार मनाया जाता है।