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वो हिंदुओं का नृशंस हत्यारा था और इस बात को मुख्यमंत्री येदुरप्पा अच्छे से जानते थे.. उनके निर्णय का पूरे देश मे स्वागत

इतिहास की एक बड़ी भूल को सुधारा गया है दक्षिण भारत मे.

Rahul Pandey
  • Jul 29 2020 1:35PM
यह वह निर्णय था जिसके प्रतीक्षा पूरा देश पलक पावडे बिछा कर कर रहा था। जितना जरूरी भगवान श्री राम के आदर्शों को देश की जनता के मन में उतारना है उतना ही जरूरी हत्यारे, लुटेरे और आतंकियों का महिमामंडन बंद कराना भी है। उत्तर भारत से जहां शुभ समाचार भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण को लेकर आ रहा है तो वहीं दक्षिण भारत से कर्नाटक राज्य से एक ऐसी खबर आ रही है जो हिंदू समाज के लिए और दूसरे शब्दों में कहा जाए तो सभ्य और सहिष्णु समाज के लिए बेहद मायने रखती है। उत्तर भारत में योगी आदित्यनाथ ने जिस प्रकार से जनता का दिल जीता है ठीक उसी प्रकार से दक्षिण भारत के कर्नाटक में येदयुरप्पा ने देश और दुनिया भर के शांति पसंद लोगों का मन मोह लिया है।

यह वही मांग थी जिसकी आवाज सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके जी एक लंबे समय से करते आ रहे हैं और उन्होंने तथ्यों के साथ इसे साबित किया था कि वामपंथियों का हीरो टीपू सुल्तान असल में एक बेहद क्रूर और मानवता के विरुद्ध खड़ा रहा दरिंदा था। ना जाने किस आधार पर तमाम प्रमाण होने के बाद भी वामपंथी दल और मीडिया का वही वर्ग व अन्य विपक्षी दल ऐसे कुख्यात हत्यारे का समर्थन कर रहे हैं। लेकिन येदुरप्पा  सरकार ने जो निर्णय लिया उसे निश्चित तौर पर ऐसे तमाम लोगों की सोच पर एक बड़ा सर्जिकल स्ट्राइक कहा जा सकता है।

मिल रही जानकारी के अनुसार पिछली सरकारों की भूल का सुधार करते हुए कर्नाटक की वर्तमान येदुरप्पा सरकार ने स्टेट बोर्ड स्कूल के पाठ्यक्रम में बदलाव करते हुए टीपू सुल्तान और उसके पिता हैदर अली पर आधारित अध्याय को कक्षा सातवीं के समाज विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से हटा दिया है। कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के चलते 2020-21 के सिलेबस को कम करते हुए ये फैसला लिया गया है।

राज्य सरकार ने 220 दिनों के पाठ्यक्रम को घटाकर 120 दिन का किया है। कर्नाटक पाठ्यपुस्तक सोसाइटी (केटीबीएस) की वेबसाइट पर संशोधित पाठ्यक्रम को अपलोड किया गया है। इससे पता चला है कि कक्षा सातवीं के समाज विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से हैदर अली और टीपू सुलतान, मैसूर के ऐतिहासिक स्थलों और आयुक्त प्रशासन के बारे में अध्याय पांच को हटा दिया गया है। असल में टीपू सुल्तान को बहुत पहले वामपंथी कलमकारो ने जबरन महिमामंडित किया था जिसकी पोल धीरे-धीरे खुलती चली गई और टीपू सुल्तान एक क्रूर हत्यारा साबित हुआ था।

अध्याय छोड़ने पर एक सवाल के जवाब में, अधिकारियों ने कहा कि यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि छात्र टीपू के बारे में कक्षा 6 और 10 में पढ़ते हैं। बता दें कि कर्नाटक में जब भारतीय जनता पार्टी आई थी तो यह घोषणा की गई थी कि पाठ्यक्रम से टीपू सुल्तान का चैप्टर हटाया जाएगा। फिलहाल येदुरप्पा सरकार के इस फैसले का स्वागत पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ किया जा रहा है और इसे वास्तविक इतिहास की तरफ सरकार के बढ़ते कदम व आने वाले समय की एक मजबूत न्यू के रूप में देखा जा रहा है।

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