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कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में युवती से 7 दरिंदों ने किया गैंगरेप...न्याय नहीं मिलने से हताश युवती ने दे दी आत्महत्या करके जान...बेटी की जान जाने के बाद अब पुलिस का ध्यान गया

एक युवती के साथ 7 दरिंदों ने सामूहिक दुष्कर्म किया... न्याय नहीं मिलने से युवती ने आत्महत्या करके जान दे दी...पर अफसोस इतनी बड़ी घटना पर न्याय मांगने वाले नहीं दिखे।

योगेश मिश्रा, छत्तीसगढ़ ब्यूरो
  • Oct 8 2020 8:23AM

उत्तरप्रदेश के हाथरस पर पॉलिटिकल मूवमेंट चरम पर है...यहाँ विपक्ष में बैठे नेता यूपी की भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हाथरस पहुँचते दिखे... पर कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ से लगातार आती शर्मिंदा करने वाली घटनाएँ ये बता रहीं हैं कि छत्तीसगढ़ में भी बेटियों के साथ गलत हो रहा है...ऐसी ही एक घटना सामने आई है नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर संभाग से...जहाँ एक युवती के साथ 7 दरिंदों ने सामूहिक दुष्कर्म किया... न्याय नहीं मिलने से युवती ने आत्महत्या करके जान दे दी...पर अफसोस इतनी बड़ी घटना पर न्याय मांगने वाले नहीं दिखे।


कुछ दिनों पहले ही छत्तीसगढ़ के बलरामपुर से दुष्कर्म की खबर सामने आई थी। बस्तर संभाग के केशकाल से सामूहिक दुष्कर्म की घटना सामने आई थी, वहीं फिर बस्तर के केशकाल से एक दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक युवती ने दुष्कर्म के बाद इंसाफ न मिलने पर आत्महत्या कर ली। 

छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में केशकाल के ओड़ागांव में एक युवती के साथ सात लोगों के द्वारा सामूहिक दुष्कर्म करने और इसके बाद युवती के आत्महत्या कर लेने का मामला प्रकाश में आया है। 



इस मामले में खास बात यह है कि पुलिस ने पिछले तीन महीनों में न तो मामले में दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज की थी और न ही इस तरह की कोई जांच की थी, लेकिन परिजनों की लगातार शिकायतों के बाद और घटना की प्रत्यक्षदर्शी मृतका की सहेली के सामने आने के बाद बुधवार को पुलिस हरकत में आई। पुलिस अफसरों का कहना है कि मामले में नई शिकायतों के बाद युवती के शव को कब्र से निकलवाया गया है। युवती के शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। इसके बाद ही पूरे मामले का खुलासा हो पाएगा। इस मामले पुलिस ने 3 को हिरासत में ले लिया है।



एसडीओपी अमित पटेल ने बताया कि अभी हमने शव को कब्र से निकलवाया है। डाॅक्टरों की टीम शव का पीएम करेगी। इसके बाद मामले में आगे कुछ कहा जा सकेगा। इधर, युवती के चाचा ने दावा किया है कि अनाचार की घटना के बाद से परिवार के सदस्य लगातार पुलिस को इस तरह की शिकायतें कर रहे थे लेकिन मामले में किसी ने संज्ञान नहीं लिया।



पिता ने भी किया था आत्महत्या का प्रयास
आत्महत्या करने वाली युवती के पिता ने भी गत 4 अक्टूबर को घर में पड़ा कीटनाशक खाकर आत्महत्या का प्रयास किया था। हालांकि परिजनों ने पिता को समय रहते हास्पिटल पहुंचा दिया, जिससे उनकी जान बच गई।
घटना के अगले दिन 5 अक्टूबर को युवती का पिता हाथ में लगे सेलाइन समेत बिना बताए कहीं चला गया है। परिजनों के मुताबिक बिना किसी कारण के पिता द्वारा आत्महत्या के प्रयास के बाद जब परिजनों ने खोजबीन की तो इसकी कड़ी पुत्री की आत्महत्या से जुड़ी मिली जिसके बाद परिजनों ने शिकायत की तब जाकर युवती के शव को निकाला गया।



पीड़िता की सहेली का दावा-'शादी में जाने के दौरान किया था सामूहिक दुष्कर्म'
पीड़िता की सहेली ने दावा किया कि करीब तीन महीने पहले वह और उसकी सहेली कानागांव में आयोजित एक शादी समारोह में शामिल होने एक साथ गए थे। यहां शादी में देर रात तक नाच-गाना चला। इसी दौरान कानागांव और फूंडेर गांव के सात युवकों ने देर रात अचानक ही उसकी सहेली को शादी वाले घर से उठा लिया और उसे जंगल की ओर ले गए। इसके बाद सहेली के साथ दुष्कर्म किया गया। 


सहेली ने दावा किया कि वहां से लौटने के बाद उसकी सहेली ने उसके साथ हुई घटना की जानकारी उसे दी। उसने कहा कि अनाचार करने वाले युवकों ने घटना की जानकारी किसी को भी देने पर हत्या करने की धमकी दी थी। घटना के दो दिनों बाद युवती ने आत्महत्या कर ली थी।


भाजपा ने सरकार को कोसा

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णु देव साय ने कहा कि धनोरा का मामला पीड़ादायक व दुःखद है ।प्रदेश सरकार के गंभीर विषयो पर उदाशीनता के कारण अपराधियों के हौसले बुलंद है । गरीब परिवार की बेटी उसके साथ हुई हैवानियत के कारण  असमय मौत को गले लगाने पर मजबूर हुई यह भूपेश सरकार की असफलता है सरकार पर कलंक है ।उन्होंने कहा कि जब मामला पुलिस तक पहुंच गया था तो पुलिस प्रशासन ने गंभीरता नही दिखाई और मामला को रफा दफा करने में लगे रहे जिसका परिणाम हुआ कि पीड़िता के पिता ने भी न्याय नही मिलने के कारण मौत को गला लगाने की कोशिश की जो बहुत ही दुखदायी  है।
श्री विष्णु देव साय ने कहा कि जिन पुलिस वालों ने गरीब परिवार के साथ अन्याय किया उन्हें तत्काल निलंबित कर न्यायिक जांच कराई जाए । मुख्यमंत्री का न्याय का नारा खोखला साबित हुआ और पुलिस महानिदेशक तत्काल स्थिति संभाले केवल अखबारों की सुर्खियां वाले बयान देकर अपने कर्तव्य से विमुख न होवें । प्रदेश में आदिवासियों के साथ लगातार होती घटना शंका को जन्म दे रही है । राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा छत्तीसगढ़ की अपनी निक्कमी प्रदेश सरकार को जगाने के कुछ तो कदम उठाये ।

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