लॉक डॉउन के कारण राजस्थान के कोटा में फंसे यूपी के हजारों छात्रों को वापस उत्तर प्रदेश भेजने के लिए राजस्थान राज्य परिवहन की जिन बसों का प्रयोग किया गया था उनके बिल के तौर पर गहलोत सरकार ने यूपी सरकार से 36.36 लाख रुपए की मांग करी थी, इस बाबत बिल योगी सरकार को भेजा गया था। बिल के
दरअसल कोटा में फंसे बच्चों को वापस उत्तर प्रदेश लाने के लिए योगी सरकार ने 560 बसें कोटा भेजी थी। सरकार को उम्मीद थी कि इन बसों से बच्चों की वापसी हो जाएगी लेकिन बच्चों की संख्या अधिक होने के चलते आनन-फानन में राजस्थान राज्य परिवहन निगम की बसों से मदद ली गई थी। यूपी सरकार ने राजस्थान सरकार से यह अनुरोध किया था कि वह अपनी कुछ बसों से कोटा में शेष बचे हुए बच्चों को यूपी की सीमा मथुरा अथवा आगरा तक पहुंचा दें जहां से इन्हें यूपी रोडवेज की बसों से घर भेज दिया जाएगा इस पर राजस्थान सरकार ने 94 बसों का इंतजाम किया था।
हरियाणा सरकार ने नही लिया था किराया-
दिल्ली बॉर्डर से जब यूपी सरकार प्रवासी श्रमिकों और कामगारों को उत्तर प्रदेश ला रही थी तब हरियाणा सरकार ने 350 बसें उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों तक भेजी थी जिनके माध्यम से प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों तक पहुंचाया गया था हरियाणा सरकार ने इन बसों के एवज में यूपी सरकार से एक रुपए का भी कराया नहीं लिया था।