यूपी की राजधानी लखनऊ में आज देश भर के राज्यों के वित्तमंत्रियों के साथ जीएसटी काउंसिल की बैठक हो रही है। उत्तर प्रदेश चुनाव के नज़दीक होने की वजह से इस बैठक में कई अहम मुद्दों के साथ सबकी नजरें जीएसटी में लिए गए फैसलों पर होंगी। खास तौर पर कंपनसेशन सेस को लेकर फैसला होने की उम्मीद है जो राज्य सरकारों के लिए ख़ास मुद्दा रहने वाला है, लेकिन कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि आगामी चुनाव को देखते हुए बीजेपी शासित प्रदेशों से मिलकर सरकार पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर चर्चा कर सकती है। साथ में कुछ उत्पादों पर जीएसटी पर फैसला होने की उम्मीद है।
पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की चर्चा के साथ सबसे खास बात जनता को पेट्रोल डीज़ल की बढ़ी कीमतों से राहत देने की है, जिसको लेकर केंद्र सरकार 50:50 रेशियो में फॉर्मूला तैयार करके आम जनता को चुनाव से पहले राहत दे सकती है। जिसमे राज्यों से अपील की जाएगी कि वो वैट घटाएं और केंद्र सरकार भी एक्साइज ड्यूटी घटाकर जनता को 6-8 रुपये प्रति ली. तक कि राहत दे सके।
बढ़ती महंगाई इस बार के चुनाव में अहम मुद्दा न बन पाए इसको लेकर केंद्र सरकार गंभीर है खास तौर पर कुकिंग आयल की बढ़ती कीमतें सरकार के सामने संकट है। इसलिए देश में पहले से ही कुकिंग आयल की क़ीमत कम हो सके इसके लिए विदेशों से आने वाले तेल पर इम्पोर्ट ड्यूटी को घटाया गया है, लेकिन इस मुद्दे पर केंद्र सरकार राज्य सरकारों से सोच विचार जीएसटी काउंसिल की बैठक में होने की उम्मीद है।
अभी तक किसान सम्मान निधि 6000 रुपये किसानों के खाते में सीधे भेजी जाती है। जो 2000 रुपये की तीन किश्तों में भेजी जाती है। सूत्र बता रहे हैं कि केंद्र सरकार किसान सम्मान निधि को बढ़ाने पर फ़ैसला ले सकती है जिसे 8000 से 10000 तक किया जा सकता है।