सुदर्शन के राष्ट्रवादी पत्रकारिता को आर्थिक सहयोग करे

Donation

जब एकमात्र स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का यह हाल तो आम जनता तो करती होगी त्राहिमाम त्राहिमाम-शिव नारायण शर्मा ने सुनाया दुखड़ा।

सीतापुर के एकमात्र स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ने बयान किया अपना दुख,शासन-प्रशासन नही ले रहा उनकी कोई सुध।

अभिमन्यु
  • Jul 17 2021 12:52PM
सीतापुर के एकमात्र स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ने बयान किया अपना दुख,शासन-प्रशासन नही ले रहा उनकी कोई सुध। सीतापुर जिले के एकमात्र स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शिव नारायण लाल शर्मा जी ने सुनाया अपना दुखड़ा,उन्होंने बताया कि किस प्रकार से उन्होंने भारत की स्वतंत्रता आंदोलन में 1942 से किस प्रकार से अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध आंदोलनों में भाग लिया और अंग्रेजों द्वारा दी गई यातनाओं को सहते हुए स्वतंत्रता आंदोलन के संघर्ष को फिर भी जारी रखा। उनका कहना है कि भारत को अंग्रेजों से तो स्वतंत्रता प्राप्त हो गई किंतु भारत की स्वतंत्रता के पश्चात भी भारतीय कार्यप्रणाली में कोई भी परिवर्तन नहीं आया है।शिव नारायण शर्मा जी का कहना है की कोरोना काल में उनके दोनों बेटों की नौकरियां चली गई,उनका एक बेटा किसी के वहां नौकरी कर रहा था तो दूसरा बेटा फेरी लगाकर कार्य करके अपना भरण पोषण कर रहा था।जिसके कारण अब उन्हें यह चिंता सता रही कि कैसे उनके जाने के बाद उनके परिवार का भरण पोषण होगा,उन्होंने बताया वैसे तो पूरा घर उनकी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की पेंशन पर चल रहा है,परंतु उनको इस बात की चिंता सता रही है,बिन मां की दोनों पुत्रों की बेटियो का भविष्य में उनकी मृत्यु के पश्चात क्या होगा और उनके परिवार का जीवन यापन कैसे होगा?उन्होंने कहा कि अब उनकी आयु लगभग 98 वर्ष हो चली है ऐसे समय मे उनके परिवार के प्रति क्या कुछ कर्तव्य शासन व प्रशासन का नही बनता है क्या? उन्होंने यह भी बताया कि सीतापुर में पूर्व में जिला अधिकारी रहे अखिलेश तिवारी के द्वारा उन्हें आश्वासन दिया गया था,कि उनके परिवार के किसी एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी।परंतु कागजात जमा करने के पश्चात भी लगभग 7 से 8 माह बीतने के पश्चात भी अभी तक उन वादों की पूर्ति नहीं की गई। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान जिला अधिकारी विशाल भारद्वाज के द्वारा भी उनको इसी प्रकार से आश्वासन मिला था, परंतु उस पर भी अभी तक कोई संज्ञान नही लिया गया।अब ऐसे में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ने शासन व प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहां है,कि क्या वास्तव में हमारा भारत स्वतंत्र हो चुका है या फिर अभी भी जब एक मात्र स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को जब इस प्रकार से सरकारी दफ्तरों में केवल आश्वासन दिया जा रहा है, फिर आम जनता के साथ किस प्रकार से बर्ताव होता होगा यह किसी के द्वारा भी कल्पना करना भी परे है।उन्होंने कहा कि अपने अंतिम समय मे वो शासन प्रशासन से निवेदन कर रहे है कि कुछ कर्तव्य उनके प्रति निभाने का कष्ट करें,जिससे वो चिंतामुक्त होकर अपने प्राणों को त्याग सके।

सहयोग करें

हम देशहित के मुद्दों को आप लोगों के सामने मजबूती से रखते हैं। जिसके कारण विरोधी और देश द्रोही ताकत हमें और हमारे संस्थान को आर्थिक हानी पहुँचाने में लगे रहते हैं। देश विरोधी ताकतों से लड़ने के लिए हमारे हाथ को मजबूत करें। ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहयोग करें।
Pay

ताज़ा खबरों की अपडेट अपने मोबाइल पर पाने के लिए डाउनलोड करे सुदर्शन न्यूज़ का मोबाइल एप्प

Comments

संबंधि‍त ख़बरें

ताजा समाचार