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वो जिहादी सोच बाहर खुद आ गई जिसे छिपाते थे वामपंथी.. कत्ल को बताया जायज..किसी सड़कछाप ने नही, एक पूर्व PM ने

मलेशिया के पूर्व PM ने उगला ज़हर, 'मुस्लिमों को फ्रांसीसियों की हत्या का अधिकार'

Sudarshan News
  • Oct 30 2020 11:44AM

फ्रांस में पिछले कुछ समय से जो हो रहा है उसे देखकर सारी दुनिंया में एक बैचेनी पैदा हो गई है क्योंकि आतंकी सरेआम किसी को भी मार देते हैं और अगर कोई इसके खिलाफ आवाज उठाता है तो उसके खिलाफ अभियान चलाये जातें है और तो और आवाज उठाने वालों को मार तक दिया जाता है और कुछ जहरीले लोग ये सब सही बतातें हैं और इस तरह से लोगों को मारना आतंकियो का अधिकार बताते हैं।

 दरअसल फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून विवाद को लेकर हुईं हत्या से वहां के लोगो में गुस्सा था जिसे लेकर वहां प्रदर्शन कर रहे हैं और इसका समर्थन वहां के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी कर रहे हैं इसको लेकर कई इस्लामिक देश फ्रांस के खिलाफ हो गये है। फ्रांस के खिलाफ बॉकआउट की मुहिम चला रहे हैं इस सब के बीच अब मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद भी कूद पड़े हैं।

 आपको बतां दे कि महातिर मोहम्मद ने बेहद विवादित बयान देते हुए फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून विवाद को लेकर हुईं हत्याओं को न केवल सही करार दिया है, बल्कि मुस्लिम कट्टरपंथियों को भड़काने का काम भी किया है. उन्होंने कहा है कि नाराज मुस्लिमों को फ्रांस के लाखों लोगों की हत्या का अधिकार है.

 आपको बता दे कि जहरीले माहातिर जब ये जहर उगल रहे थे उसी समय दक्षिण फ्रांस के नीस शहर में कुछ लोगों पर चाकू से हमला किया गया था. हमले में तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए थे. मृतकों में एक महिला भी शामिल है, हमलावर ने उसकी गर्दन को ISIS स्टाइल में धड़ से अलग कर दिया. कहा जा रहा है कि हमलावर 'अल्लाह हू अकबर' के नारे लगा रहा था

 जहरीले माहातिर ने एक के बाद एक 13 ट्वीट किये जो एक के बाद एक जहर उगलने वाले थे उन्होंने पश्चिमी देशों में महिलाओं के कपड़े, लैंगिक समानता सहित विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय दी. साथ ही फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पर इस्लाम को निशाना बनाने का आरोप भी लगाया. उसी में से एक ट्वीट में लिखा था कि मुस्लिमों को फ्रांस से नाराज होने और उसके लाखों नागरिकों को मारने का अधिकार है.

 कई मुसलिम देश फ्रेंच उत्पादों के बहिष्कार का अभियान भी चला रहा है खाड़ी देश भी फ्रांस के खिलाफ हैं क्योंकि फ्रांस राष्ट्रपति आतंकवाद को इस्लाम से जोड़कर देख रहें है और जहरीले माहातिर के इस तरह के बयान उन्हें सही भी साबित कर रहे हैं। बहुत से देश खिलाफ होने के बाद भी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पीछे नहीं हट रहे हैं वो लगातार कार्यवाई कर रहे हैं फ्रांस ने कई मस्जिदों पर ताला लगा दिया है. नीस में हुए हमले के बाद राष्ट्रपति ने साफ कर दिया है कि कट्टरपंथी विचारधारा वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं रुकेगी.

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