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पहले खुद बना मुसलमान फिर पत्नी और ससुराल वालों पर करने लगा जबरदस्ती ..... हिन्दुओं के लिए काल बन रहा धर्मांतरण जिहाद

वहीं ज़मानत का विरोध करते हुए पुलिस ने कहा है कि सोनकर के घर से क़ुरान और अन्य आलेख मिले हैं. अतिरिक्त सत्र न्यायधीश विनोद कुमार चौरसिया ने सोनकर को बेल देने से इनकार कर दिया था.

Prem Kashyap Mishra
  • Oct 22 2021 3:40PM

उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण रोधी कानून बनने के बावजूद धर्मांतरण के मामले में तेजी देखने मिल रही है. एक खबर सामने आई है जिसमे उत्तर प्रदेश के फ़तेहपुर ज़िले में एक व्यक्ति के ख़िलाफ़ अपनी पत्नी को मुसलमान बनाने की कोशिश के मामले में प्रदेश के नए धर्मांतरण रोधी क़ानून के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया है. बताया जा रहा है कि  व्यक्ति पेशे से ट्रक ड्राइवर है और इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले में उसे हाल ही में ज़मानत दी थी. हाई कोर्ट में इस व्यक्ति ने कहा है कि वो और उसकी पत्नी दोनों हिन्दू हैं. 

रिपोर्ट के मुताबिक 26 जून को 28 साल के विजय कुमार सोनकर के ख़िलाफ़ खखरेरू पुलिस स्टेशन पर उत्तर प्रदेश अवैध धर्मांतरण निषेध अध्यादेश 2020 के सेक्शन तीन, पाँच (1) के तहत एफ़आईआर दर्ज की गई थी. सोनकर के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 295, 323 और 506 के तहत भी मामले दर्ज किए गए थे. रिपोर्ट के मुताबिक फ़तेहपुर के एएसपी राजेश कुमार ने कहा कि सोनकर के ख़िलाफ़ 22 साल की उनकी पत्नी पूनम देवी ने शिकायत की थी कि उन पर और उनके परिवार पर इस्लाम अपनाने का दबाव डाला जा रहा है. 

राजेश कुमार ने जून महीने में कहा था कि सोनकर को कथित तौर पर एक मुस्लिम ट्रक ड्राइवर दोस्त ने इस्लाम अपनाने में मदद की थी. छह जुलाई को एक स्थानीय कोर्ट ने सोनकर को इस मामले में बेल देने से इनकार कर दिया था. ज़मानत ख़ारिज होने के आदेश के अनुसार, पूनम देवी ने कहा है कि उनके पति चाहते थे कि वो मुसलमान बन जाएं. 25 जून को पूनम देवी ने अपने पति पर इस्लाम अपनाने के लिए प्रताड़ित और अपमानित करने का आरोप लगाया था.

पूनम देवी ने कहा है कि जब उनके पति ने इस्लाम कुबूल करने के लिए मारा तो उनके ससुर ने रोका नहीं.  वहीं सोनकर के वकील ने कोर्ट में कहा है कि उन्हें इस मामले में फँसाया गया है. सोनकर के वकील के अनुसार, जिस दिन उन पर यह आरोप लगा उसी दिन घर में आपसी विवाद हुआ था. पड़ोस में दुश्मनी रखने वाले कुछ लोगों ने सोनकर की पत्नी को मनगढ़ंत आरोपों पर एफ़आईआर दर्ज कराने के लिए राज़ी किया था. 

सोनकर ने भी कहा है कि पूनम के साथ उनका शादीशुदा जीवन ठीक से चल रहा था और इस्लाम कुबूल करने के लिए दबाव डालने का आरोप झूठा है. वहीं ज़मानत का विरोध करते हुए पुलिस ने कहा है कि सोनकर के घर से क़ुरान और अन्य आलेख मिले हैं. अतिरिक्त सत्र न्यायधीश विनोद कुमार चौरसिया ने सोनकर को बेल देने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था कि सोनकर के ख़िलाफ़ बहुत ही संगीन मामले हैं.  इसके बाद सोनकर ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में संपर्क किया. 27 सितंबर को जस्टिस संजय कुमार पचौरी ने सोनकर को बेल दे दी. सोनकर ने हाई कोर्ट में कहा कि वे और उनकी पत्नी दोनों हिन्दू हैं.

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