केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एंट्रिक्स-देवास सौदे को लेकर मंगलवार को एक प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्हाेंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में संसाधनों का सिर्फ दुरुपयोग हुआ है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि तत्कालीन टेलीकॉम मंत्री कपिल सिब्बल ने इस पर प्रेस कॉन्फ्रेस की थी, लेकिन उनकी ओर से इस मामले पर कैबिनेट नोट तक का जिक्र तक नहीं किया गया था।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि मैं देवास-एंट्रिक्स मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बात करना चाहती हूं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक व्यापक आदेश दिया है। साल 2005 में हुआ यह सौदा यूपीए (संयुक्त प्रगतशील गठबंधन) ने 2011 में रद्द कर दिया था। वित्त मंत्री ने कहा कि यह धोखाधड़ी का सौदा था।
वित्त मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि 2005 में एंट्रिक्स और देवास के बीच यह डील फाइनल हुई थी। यह देश और देश के लोगों के साथ एक बहुत बड़ा धोखा था। उन्होंने कहा कि इस मास्टर गेम की खिलाड़ी कांग्रेस है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से साफतौर पर पता चलता है कि कैसे यूपीए सरकार ने गलत हथकंडे अपनाए थे।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि एंट्रिक्स-देवास सौदा पूरी तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ था। भारत के लोगों के साथ इस तरह की धोखाधड़ी कैसे की गई, अब यह बताने की बारी कांग्रेस पार्टी की है।
निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि अब यह जवाब देने की कांग्रेस की बारी होनी चाहिए कि कैसे कैबिनेट को अंधेरे में रखा गया। उन्हें क्रोनी कैपिटलिज्म के बारे में बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही वित्त मंत्री सुप्रीम कोर्ट के आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय ने देवास मल्टीमीडिया के लिक्विडेशन यानी इसे बेचकर फंड जुटाने के फैसले को बरकरार रखा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह पूरी तरह से कांग्रेस का, कांग्रेस के लिए और कांग्रेस द्वारा किया गया धोखा है। उन्होंने कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार पर पावर का गलत इस्तेमाल करके एस-बैंड स्पेक्ट्रम बेचने का आरोप लगाया है, जबकि इसका इस्तेमाल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किया जाता था।