जिस आवाज को सुदर्शन न्यूज़ ने पहले दिन से और लगातार बुलंद की उस आवाज को आखिरकार बल मिला है और बिहार के अररिया जिले में एक चौकीदार से बदसलूकी करने वाला कृषि अधिकारी आखिरकार सस्पेंड हो गया है। इस मामले में प्रशासनिक स्तर पर सबसे ज्यादा सराहनीय व सक्रिय योगदान बिहार के वर्तमान डीजीपी आईपीएस श्री गुप्तेश्वर पांडे जी का माना जाएगा जिन्होंने सबसे पहले अपने बिहार प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के घायल पुलिस बल के मनोबल को एक नई ऊर्जा दी और बताया कि उनके साथ बिहार पुलिस प्रशासन का डीजीपी चट्टान की तरह खड़ा है।
उनकी सबसे खास बात लोगों को यह लगे कि उन्होंने कहा मेरा सम्मान तभी होगा जब मेरे सिपाही का सम्मान होगा। यह वह लाइनें थीं जो वर्दी पहने हर व्यक्ति के दिल को छू गई । फिलहाल ताजा समाचार के अनुसार नीतीश सरकार ने एक बेहद कड़ा और महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए बिहार के कृषि अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है जिसने अपने पद के गुरुर को दिखाकर एक चौकीदार से कान पकड़कर उठक बैठक करवाई थी। चौकीदार से उठक-बैठक कराने वाले अररिया के कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार को कृषि विभाग ने किया निलंबित कर दिया है। कृषि विभाग ने निलंबन का आदेश पत्र जारी किया है। इससे पहले विभाग ने कृषि पदाधिकारी का तबादला अररिया से पटना कर दिया था जिसपर कई तरह के सवाल किए गए थे। अंततः आज अपने कर्मी को विभाग ने निलंबित कर दिया।
नीतीश सरकार के इस फैसले के बाद कर्मचारी अधिकारीगण संतुष्ट हुए हैं बल्कि पूरे देश की जनता नीतीश कुमार उनके शासन के लिए बेहद सकारात्मक व सार्थक संदेश गया है। और यह माना जा रहा है कि ऐसे ही फैसलों को सुशासन की सरकार कहा जाता है। फिलहाल अधिकारी के विरुद्ध जांच चल रही है और आगे भी इस मामले में कड़ी कार्यवाही का अंदेशा जताया जा रहा है।। इस मामले में सोशल मीडिया के डिजिटल वालंटियर का भी रोल बेहद सकारात्मक व परिणामदायक रहा.. इसी निलंबन के साथ उन तमाम अफवाहों पर भी विराम लग गया जिसमें यह कहा जा रहा था कि उक्त किसी अधिकारी को प्रमोशन इत्यादि दिया गया है यद्यपि इन अफवाहों का भी खंडन पूरे भारत में खाकी के मान सम्मान के प्रतीक बन चुके डीजीपी बिहार में प्रमुखता से किया था।