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आतंकियो के सबसे बड़े आका गिलानी ने आखिरकार टेक ही दिये घुटने. मोदी सरकार में जड़ से उखड़ा आतंक

कभी सरकारी सुरक्षा और सेवा का उठता था पूरा लाभ लेकिन अब झेल रहा था NIA जांच

Rahul Pandey
  • Jun 29 2020 2:03PM
एक बड़ी खबर के अनुसार आतंक प्रेमी सैयद अली शाह गिलानी ने हुरिर्यत कॉन्फ्रेंस से इस्तीफा दे दिया और राजनीति से संयास ले लिया .. इसी के साथ उनके पारिवारिक सूत्र बता रहे हैं कि अब वह अपने बेटों और बेटियों के पास ऑस्ट्रेलिया चले जाएंगे जहां उनके बेटे और बेटियां डॉक्टर हैं .. ये वही आतंक पोषक है जिसने अनगिनत पढ़ने लिखने वालों को कलम छोड़ कर बंदूक पकड़ा दी थी.. माना ये भी जा रहा कि इन्हें धारा 370 के चलते पोषण मिलता था.. जब तक कश्मीर में धारा 370 लगा था तब तक इन जैसों ने कश्मीर को खूब लूटा क्योंकि तब कश्मीर का अलग कानून हुआ करता था..370 हट जाने के बाद जब इन्हें तथाकथित सेक्युलरिज्म के नाम की कथित मलाई मिलनी बंद हो गई या ये कहा जाय कि गद्दारी की सांस भी मिलनी  बंद हो गई तब ये आतंक परस्त अब कश्मीर छोड़कर राजनीति छोड़कर विदेश जाने का मन बना रहे हैं..

अपने पूरे जीवन काल में भारत के विरोध और आतंकवाद के साथ-साथ पाकिस्तान की परस्ती की मिसाल बन चुके गिलानी ने आखिरकार अब अपने अंतिम समय में घुटने टेक दिए हैं और कभी तथाकथित सेक्युलरिज्म की आड़ में देश के खिलाफ जहर उगलने वाला यह विषैला गिलानी अंत में हुरिर्यत कॉन्फ्रेंस से इस्तीफा देने का ऐलान कर चुका है। सबसे बड़ी हैरानी की बात यह थी कि खुलेआम पाकिस्तान की पैरवी करने वाले इस जहरीले सांपो से भी भयानक गिलानी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने के बजाय पिछली सरकारों ने इसको न सिर्फ सरकारी सेवाएं और सुविधाएं दे रखी थी बल्कि जिस सेना की खुलेआम निंदा करता था उसी सेना की सुरक्षा भी उसको मिल गई थी..

 नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह पहली ऐसी सरकार थी आतंक - पाकिस्तान प्रेमी के मंसूबों को पस्त किया और गद्दारी के इस प्रतीक के ऊपर NIA जांच लगाई। फिलहाल इस आतंक परस्त का भविष्य तय नहीं है लेकिन यह माना जा रहा है कि खाड़ी देशों के साथ पाकिस्तान से आने वाली फंडिंग और वर्तमान सरकार के चलते कश्मीरियों में अपना वजूद खत्म हो जाने के बाद अब इस गिलानी के पास गिने-चुने विकल्प थे। गिलानी के हुर्रियत कांफ्रेंस के छोड़ने के ऐलान के साथ-साथ अब पाकिस्तान और आतंकियों की पैरवी करने वाले हुर्रियत भी खत्म होने की राह पर चल निकला है और यह माना जा रहा है कि जिस प्रकार ऑपरेशन ऑल आउट करके सेना ने कश्मीर को आतंकवाद मुक्त किया है ठीक उसी प्रकार केंद्र सरकार के दृढ़ इच्छाशक्ति के चलते अब हुरिर्यत कॉन्फ्रेंस नाम का यह देशद्रोही दल भी खत्म होने की कगार पर आ चुका है..

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