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बादलखोल एवं कुनकुरी रेंज में हांथीयों के उत्पात से किसान परेशान

बादलखोल एवं कुनकुरी रेंज में हांथीयों के उत्पात से किसान परेशान, धान के फसल को कर रहे नुकसान,रत जगा करने पे किसान मजबूर

संतोष कुमार शर्मा सुदर्शन न्यूज़
  • Jul 26 2021 9:12AM
नारायणपुर :- जशपुर वनमंडल के कुंनकुरी रेंज में हांथीयों का उत्पात कम होने का नाम ही नही ले रहा है,बादलखोल अभ्यारण्य ओर कुंनकुरी रेंज में अलग अलग दलों में दर्जनों हाथी विचरण कर रहे हैं किसानों के फसलों को आये दिन नुकसान पहुंचा रहे है,।

कुनकुरी रेंज ओर नारायणपुर में हांथीयों का अलग अलग दल विचरण कर रहा है दलों में मादा ओर शावक से लेकर दंतैल हाथी भी भारी संख्या में है,कल दिन को 33 की संख्या में हाथी का दल नारायणपुर चराईमारा जंगल मे था जो शाम होते ही हाथी का यह दल रानीकम्बो में लगे धान के फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया,वन्ही कई किसान रोपाई के लिए तैयार थरहा कोहाथियो का दल ने रौंद कर बर्बाद कर दिया,जिससे किसानों को खेतों में रोपाई करना मुश्किल साबित होगा, ग्रामीणों ने बताया कि जंगल किनारे के खेतों में यह हाथी का दल दिन में नुकसान पहुचाते है और शाम होते ही गांवों में पहुंच कर उत्पात मचाते हैं, बीते कई माह से कुंनकुरी रेंज ओर बादलखोल अभ्यारण्य क्षेत्र कई गांवों में हांथीयों के द्वारा नुकसान पहुंचाया जा रहा है,जान माल की नुकसान न हो इसकी रक्षा को लेकर गांवों के लोगों को रतजगा करने के लिए विवश होना पड़ रहा है,रानीकोम्बो के एक किसान ने बताया कि रोपाई के लिए थरहा तैयार किया था बारिश का इंतजार कर रहा था एक दो दिन के अंदर रोपाई शुरू होने वाली थी और बीती रात 33 की संख्या में हांथीयों का दल थरहा को पूरी तरह रौंद डाला,अब समय नही है कि रोपाई के लिए फिर से थरहा की तैयारी कर सके,अगर करते भी है तो रोपाई का सीजन निकल जायेगा,यह समस्या एक किसान की नही परन्तु ऐसे कई किसान है जिनका फसल बीती रात को हांथीयों का दल बरबाद कर दिया,वहीं बाड़ी की सब्जी  को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। हाथियों से फसल बचाने को लेकर ग्रामीण बेहद परेशान हैं। हाथियों के भड़क जाने पर लोगों को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं से सबक लेते हुए लोग रात में अपने फसल को बचाने के लिए बाहर आने में भी डर रहे हैं। बरसात शुरु होती है हाथियों का दल यहां आ धमकता है। जिससे किसानों को खेती करने में हमेशा भय बना रहता है। हाथी अचानक पहुंचकर फसल को बर्बाद कर देते हैं। जबकि इसे लेकर वन विभाग द्वारा कोई तैयारी नहीं की जाती है।हाथी आने पर रात में ग्रामीण वन कर्मचारियों को सूचना देने का बहुत प्रयास करते हैं, पर नेटवर्क की समस्या या मोबाइल स्विच ऑफ कारण अक्सर बात नहीं हो पाती है। अगर फोन लग भी जाए, तो कर्मचारियों से कोई जवाब नहीं मिलता है,सूचना के बाद भी कई बार कर्मचारी मौके पर नही पहुँचते । ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के मौसम में कटहल के पकने का भी समय रहता है। जिसकी गंध भी हाथियों को अपनी ओर आकर्षित करती है। हाथियों के उत्पात से परेशान ग्रामीणों द्वारा विभाग से इस समस्या के समाधान की लगातार मांग की जा रही है लेकिन निदान के नाम पर केवल आश्वासन ही मिल रहा है,ग्रामीणों ने बताया कि कई नाकेदार मुख्यालय में न रहकर रेंज कैम्पस में आराम फरमाते है,क्या कारण है कि ऐसे नाकेदार की गायब रहने की जानकारी उच्च अधिकारी को होने के बाद भी कोई कार्यवाही नही होती है।

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