जब तीन कृषि कानून पारित हुआ था तब से किसान इस कानून के खिलाफ आन्दोलन करना शुरू कर दिए थे क्योंकि ये कानून उनको मंजूर नही था। तीन कृषि कानूनों को लेकर पिछले साल शुरू हुए किसान आंदोलन को 26 जनवरी (शुक्रवार) को एक साल पूरा हो रहा है। एक साल पूरा होने के पहले दिन गुरुवार को आंदोलनकारियों के टीकरी बार्डर पड़ाव में आंदोलन के उन दिनों जैसी रौनक हो गई जब आंदोलन अपने पीक पर था।और आज टीकरी बॉर्डर पर किसान महापंचायत करेंगे।
किसानों के करीब 20 किलोमीटर लंबे पड़ाव में बहार आ गई। पंजाब से हजारों महिलाओं के अलावा बड़ी संख्या में किसान यहां पहुंच गए। आज यहां दो सभाएं होंगी। बार्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बड़ी सभा चलेगी और नयागांव चौक के पास भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) की किसान महापंचायत का आयोजन किया गया है।
उगराहां ग्रुप की रैली के लिए वीरवार को देर रात तक किसान बहादुरगढ़ पहुंचते रहे। पंजाब से ट्रेन, बसों, ट्रैक्टरों और अपने निजी वाहनों के अलावा साइकिल द्वारा व पैदल चलकर भी कई लोग नयागांव चौक आए। नयागांव चौक के निकट 8 एकड़ जमीन में बनाया गया रैली स्थल पहले दिन ही भरा हुआ नजर आया। आधे मैदान में महिला किसानों की पीले रंग की ओढ़नी ही नजर आ रही थीं। भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) के नेता जसविंदर सिंह समेत कई नेताओं ने किसानों को संबोधित किया।
यूनियन के अध्यक्ष जोगिन्दर सिंह उगराहां ने बातचीत में बताया कि शुक्रवार की महापंचायत में एक से सवा लाख के बीच लोग मौजूद रहेंगे। 50 हजार से अधिक महिलाओं के आने का अनुमान है। इस सभा को उगराहां खास तौर से संबोधित करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े संगठनों के नेताओं को भी रैली का न्योता दिया गया है। कई बड़े गायक, कलाकार, साहित्यकार, कर्मचारी नेता, व्यापारी और प्रबुद्ध वर्ग के लोग भी रैली के लिए पहुंचेंगे।
किसानों के पड़ाव में हर तरफ भाकियू उगराहां के झंडे दिखाई दे रहे हैं। रैली स्थल पर काफी संख्या में लाउड स्पीकर लगाए गए हैं। मंच पर केवल चुनिंदा बड़े किसान नेता बैठेंगे। यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष जसविंदर सिंह लोंगोवाल का कहना है कि रैली में लगभग 1600 गांवों से किसान शामिल होंगे। सभी गांवों से औसतन 100-100 महिला व पुरुष किसान शामिल हो रहे हैं।हरियाणा के भी 100 गांवों से रैली में किसानों की पर्याप्त भागीदारी रहेगी।
अब तक के कार्यक्रम के अनुसार ये सभी किसान 29 नवंबर को दिल्ली कूच के मौके पर टीकरी बार्डर पर रहेंगे। उस दिन 500 किसानों के ट्रैक्टरों से दिल्ली जाने का कार्यक्रम है। लेकिन 29 के दिल्ली कूच को लेकर अंतिम निर्णय 27 नवंबर को सिंघू बार्डर पर होने वाली एसकेएम की बैठक में होगा। उगराहां ने बताया कि रैली में बड़ी संख्या में आए किसान अपने-अपने गांव के किसानों के टेंटों में ठहरेंगे और वहीं अपने भोजन की व्यवस्था करेंगे। महिलाओं के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।