दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में आज किसानों का मुद्दा छाया रहेगा।
सत्तापक्ष ने इसे जोर-शोर से उठाने की तैयारी कर ली है। ऐसे में सत्र के
हंगामेदार रहने के आसार हैं। सत्र के दौरान किसानों से जुड़े कई मुद्दों को
लेकर चर्चा होगी। यह एक दिन का ही विशेष सत्र होगा, लेकिन जरूरत के हिसाब
से बढ़ाया भी जा सकता है।
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि सत्र के दौरान तीन कृषि
कानूनों, किसानों के आंदोलन और करीब 700 किसानों की मौत पर चर्चा होगी।
उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर भी चर्चा होगी।
किसानों के समर्थन में विधानसभा प्रस्ताव भी पारित कर सकती है। सत्र
शुक्रवार को सुबह 11 बजे शुरू होगा। मौजूदा कोविड-19 महामारी की स्थिति को
देखते हुए विधायकों के लिए मास्क पहनना और शारीरिक दूरी का पालन करना
आवश्यक होगा। उन्हें कोविड-19 रोधी टीकाकरण प्रमाण-पत्र या कोरोना जांच की
निगेटिव रिपोर्ट अपने साथ रखना होगा।
दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र
बुलाया है। विशेष सत्र का मुद्दा क्या होगा इस पर सरकार ने अभी तक कुछ साफ
नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को दिल्ली की सीमा पर किसानों के
आंदोलन के एक साल पूरे हो रहे हैं। किसान आन्दोलन के साथ शुरुआत से खड़ी रही आम आदमी पार्टी सदन में कृषि कानूनों और किसानों की बात ही करेगी। उस पर चर्चा भी करा सकती है।
हालांकि, विपक्ष वहीं उन्हें घेरने के लिए तैयार है। विपक्ष का कहना है कि
दिल्ली सरकार अपने अधिकार क्षेत्र में जनता के मुद्दों पर न तो बात करती है
और हम जब बात करना चाहते हैं तो हमें मौका नहीं दिया जाता है। सूत्रों की
मानें तो दिल्ली सरकार एक दिवसीय सत्र में किसानों, कृषि कानूनों को वापस
होने में आम आदमी पार्टी वाली दिल्ली सरकार की भागीदारी पर चर्चा करेगी।साथ ही किसानो की कुछ मांगो पर भी विचार करेगी।
आपको बता दें सदन में विधायकों के बैठने की व्यवस्था पहले से तय नहीं होगी। सिर्फ
मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, सभी कैबिनेट मंत्री के अलावा नेता प्रतिपक्ष
और चीफ व्हिप के बैठने की जगह तय होगी। बाकी विधायक पहले आएं, पहले पाएं के
आधार पर बैठेंगे।