देश का कानून हर किसी को सुधरने का मौका देता है, पर जिहादी इस मौके का लाभ अपने जिहादी मनसूबों को पूरा करने में उठातें हैं। जिहदियों को पर्याप्त सजा जब तक नहीं मिलती वो सुधर ही नहीं सकते, इसका सबसे बड़ा उदाहरण है राजस्थान के चूरू की यह घटना।
दरअसल राजस्थान के चूरु में एक शख्स ने महिला को व्हाटसअप ग्रुप में बदनाम करने के लिए अश्लील मैसेज भेजें। जिसको लेकर महिला ने एफआईआर दर्ज कराई है। बता दें कि आरोपी की इसी हरकत के चलते महिला के आईटीआई (ITI) किये बेटे ने खुदकुशी कर ली थी।
बता दें कि आरोपी का नाम अख्तर रसूल जो निजी स्कूल संचालक है, जो दिव्यांगों की एक संस्था का अध्यक्ष भी है। अख्तर रसूल पीडिता के बेटे की मौत के लिए सजा काट रहा था। अब सिरफिरा जमानत पर रिहा हुआ तो उसने फिर से दबंगई दिखाते हुए महिला और उसकी बेटी को परेशान करना शुरू कर दिया है। पीड़ित दिव्यांग महिला ने चूरू के महिला थाने में आरोपी अख्तर रसूल के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है।
दरअसल अख्तर रसूल फिर से उसके मोबाइल पर अश्लील मैसेज भेजने के साथ- साथ, उसका पीछा कर परेशान भी कर रहा है। बेटे की मौते के मामले में गवाहों को धमकी दे रहा है। आरोपी रसूल पीडिता के घर पहुंचकर उसे परेशान करने लगा साथ ही 3 हजार रुपये से भरा लिफाफा भी डाल गया, जिसके बाद उसने उसके व्हाटअप पर मैसेज किया।
हमारे कानून में अपराधियो के जमानत देने का प्रावधान इसलिए है ताकि वो अपनी गलती को सुधार सके, पर अख्तर रसूल जैसे जिहादी जीवन भर सुधर ही नहीं सकते। उनको जीवन मिला है तो उसे सिर्फ और सिर्फ अपराध में ही लगा देंगे।