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मासूम के नेत्रदान से मिलेगी किसी को अंधकार से मुक्ति

9 साल की प्रियांशी का नेत्रदान हुआ मुक्तिधाम में संपन्न मिलेगी किसी को नवज्योति

JASPREET SINGH
  • Jul 22 2021 6:00PM
मुक्तिधाम में 100 से ज्यादा लोगों के बीच,9 साल की प्रियांशी दे गयी नैत्रदान की सीख आँसू भरी आँखों से,सम्पन्न हुई नैत्रदान कि प्रक्रिया मुक्तिधाम में सम्पन्न हुआ,9 साल की प्रियांशी का नैत्रदान आज सुबह अशोका कॉलोनी निवासी,महेश कुमार झमतानी-अंजलि झमटानी की बेटी प्रियांशी (9 वर्ष) का श्वासनली के अवरूद्ध हो जाने से आकस्मिक निधन हो गया । उसके निधन की सूचना, शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ कुलवंत गौड़ को भी लगी । जानकारी मिलते ही,प्रियांशी के पिताजी से डॉ गौड़ ने प्रियांशी के नैत्रदान करवाने के लिये समझाईश की,महेश जी ने पूरी बात सुनने के बाद,नैत्रदान के लिये अपने पिता जीवत राम और पत्नि अंजलि से बात करके बाद में ज़वाब देने को कहा । जीवत राम जी ने घर-परिवार के सभी लोगों को समझाया,परंतु बच्ची की उम्र,और उससे लगाव के कारण,कोई भी एकदम से नैत्रदान के लिये तैयार नहीं हुआ, पर बाद में यह निर्णय लिया गया कि,प्रियांशी का नैत्रदान का कार्य मुक्ति-धाम में सम्पन्न हो सकें। सारी प्रक्रिया के बाद मुक्ति-धाम में 100 से ज्यादा लोगों के बीच संस्था सदस्यों और ईबीएसआर,कोटा चेप्टर के तकनीशियन टिंकू ओझा ने मुक्तिधाम में प्रियांशी के नैत्रदान की प्रक्रिया पूरी की। महेश जी का पीपल वाला खाई रोड पर कपड़े का व्यवसाय है,बेटी के नैत्रदान का कार्य करवाने के लिये समाज के सभी लोगों ने उनकी खूब सराहना की । संस्था के डॉ कुलवंत गौड़ ने बताया कि,कम उम्र की होने वाली मृत्यु में नैत्रदान से जुड़ी भ्रांतियों से ज्यादा,माता-पिता का स्नेह इस काम में थोड़ा बाधक बनता हैं । परंतु यदि समझाइश करने का तरीका ठीक तरह से किया जाये,तो यह मुश्किल सा काम भी सभी की सहमति के साथ अच्छा हो जाता है। ईबीएसआर कोटा चैप्टर के अध्यक्ष डॉ के के कंजोलिया का कहना है कि,कम उम्र के कॉर्निया की गुणवत्ता,अन्य कॉर्निया से काफ़ी गुना अच्छी होती है,साथ ही इनको एक से अधिक कॉर्निया की अंधता से पीड़ित लोगों में रौशनी लाने के लिये काम में लिया जा सकता है। संस्था सचिव डॉ संगीता गौड़ का कहना है कि,कम उम्र के बच्चों का नैत्रदान होने का पूरा श्रेय शोकाकुल परिवार को ही जाता है। कम समय में नैत्रदान का निर्णय लेना,महान माता-पिता ही कर सकते हैं । सात साल पूर्व,इसी 9 साल की उम्र के 2 छोटे जुड़वां बच्चे भानू-शानू का नैत्रदान हुआ था । जिसके उपरांत आज प्रियांशी का संपन्न हुआ । नैत्रदान के इस नेक कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका दादा जी जीवतराम, प्रियांशी के माता-पिता,चाचा रवि झमटानी व संस्था के त्रिलोक चंद नैनवानी की रही । ज्ञात हो कि,2 वर्ष से 80 वर्ष तक कि उम्र की मृत्यु में 8 घंटो तक नैत्रदान संभव है,सर्दियों में 10 से 12 घंटे तक भी नैत्रदान संभव है, और यदि शव को डीपफ्रीज़ में रख दिया है,तो 24 घंटे तक भी नैत्रदान संभव है । संभाग में किसी भी समय नैत्रदान सम्पन्न करवाने के लिये 8386900102,9610928428 पर कॉल कर सकते हैं ।

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