इनपुट-रवि शर्मा,लखनऊ
केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा आयोजित देश के सभी राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों की बैठक में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने यूपी की बिजली व्यवस्था के संबंध में कहा कि योगी सरकार बनने के बाद राज्य में बिजली के क्षेत्र में व्यापक सुधार हुए हैं और प्रदेश आत्मनिर्भर हो रहा है। ऊर्जा मंत्री ने कहा उत्तर प्रदेश बिजली पावर मैनेजमेंट में बहुत ही संवेदनशील क्षेत्र रहा है।
आगे उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के वर्ष 2050 तक नेट जीरो एमिशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कोयले की निर्भरता में कमी लाने के लिए रिन्यूअल एनर्जी के क्षेत्र में बेहतर कार्य किया जा रहा है। इसके लिए दिसंबर 2022 में नई सौर ऊर्जा नीति और 2022 में बायो एनर्जी नीति बनाई गई है। इसमें गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोतों से कुल 22 गीगा वाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। जल्द ही प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन नीति भी लाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य की ऊर्जा जरूरत को पूरा करने के लिए सरकार सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दे रही है और लोगों में रूफटॉप सोलर सिस्टम लगवाने के लिए जागरूकता बढ़ाई जा रही है। यूपी नेडा द्वारा केंद्र और राज्य सरकार से मिल रही सब्सिडी पारदर्शिता के साथ दी जा रही है। अक्षय ऊर्जा स्रोतों से प्रदेश का पर्यावरण बेहतर हो रहा है साथ ही लोग रोजगार का लाभ भी पा रहे हैं। यूपी नेडा द्वारा नव युवकों को सूर्य मित्र का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सरकार ने केंद्र की कुसुम सी-1योजना के तहत वर्ष 2027 तक सौर ऊर्जा से 2000 मेगावाट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को ग्रिड कनेक्टेड सोलर पंप दिए जा रहे हैं कुसुम सी-1में सभी किसानों को 90% तक तथा वन टांगिया, मुसहर जैसे कमजोर समुदायों को 100% सब्सिडी दी जा रही है।