कानपुर में 3 जून 2022 को जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़काने पर मुख्तार अहमद को गिरफ्तार कर लिया गया है। बता दें कि पुलिस ने जब मुख़्तार से पूछताछ की तो उसने बताया कि 500 रुपए से 1000 रुपए दे कर बाहर से पत्थरबाज बुलाए गए थे। हिंसा की साजिश बाबा बिरयानी में रची गई थी। इस साजिश में 15 से 16 युवकों को हिंसा फैलाने के लिए अलग-अलग टास्क
दिए गए थे। पथराव के दौरान वह वीडियो कॉल कर पूरे हंगामे को देख रहा था। पूछताछ
में उसने कई अन्य आरोपितों के नाम भी पुलिस को बताए हैं। उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
दरअसल, वह बाबा बिरयानी के नाम से
रेस्टोरेंट चलाता है। उस पर पत्थरबाजों को फंडिंग का आरोप है। बताया जा रहा है कि
हिंसा की आड़ में वह चंद्रेश्वर
हाते पर कब्जा करना चाहता था। अवैध कब्जा और
मुख्तार का पुराना रिश्ता रहा है और ऐसे रिश्ते निभाने वालों पर प्रशासन के
बुल्डोजर का रिश्ता बहुत पक्का है। पिछले दिनों यह बात भी सामने आई थी कि जिस जगह
बाबा बिरयानी चल रही, वह जगह सरकारी दस्तावेजों में राम
जानकी मंदिर के नाम पर है। इसके दम पर ही उसके अकूत संपत्ति जुटाने की बात कही
जाती है।
आपको बता दें कि सिर्फ मुख्तार ने ही नहीं मंदिर को तोड़कर उस पर
बिरयानी हाउस खड़ा किया है। उसकी बेटी नाज आयशा ने भी शिव मंदिर पर कब्जा कर रखा
है। वादी उदय शंकर ने आरोप लगाया है कि प्रेम नगर में प्राचीन शिव मंदिर था। नगर
निगम की पंचशाला में यह प्राचीन शिव मंदिर अंकित है। मुख्तार बाबा की नजर इस मंदिर
पर भी पड़ी तो उसने फर्जीवाड़ा करके अपनी बेटी नाज आयशा के नाम इस जमीन की रजिस्ट्री
करवा दी। मंदिर संचालक उदय शंकर की तहरीर पर चमनगंज थाने की पुलिस ने एफआईआर दर्ज
करके जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के
अनुसार, बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा को जेल भेजने के अगले दिन गुरुवार रात
को पुलिस ने उसके खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज की है। मुख्तार बाबा समेत इसमें 26 आरोपी बनाए गए हैं। ये तीनों एफआईआर मंदिर
तोड़कर बिरयानी हाउस खड़ा करने से संबंधित हैं। अब बाबा बिरयानी हाउस पर पुलिस और
जिला प्रशासन के अफसर बुलडोजर चलाने की तैयारी कर रहे हैं। जांच में यह साफ हो
चुका है कि राम जानकी मंदिर तोड़कर बिरयानी हाउस बनाया गया है।