आजमगढ़ : जनपद आजमगढ में शुक्रवार को दशहरा के अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में रावण दहन हुआ। नवरात्र भर रामलीला का आयोजन किया जाता है। विजयदशमी के पर्व पर शाम को परम्परागत रूप से राम रावण का युद्ध होता है और फिर रावण के पुतले का दहन होता है। आज़मगढ़ शहर के पुरानी पुरानी कोतवाली समेत अन्य क्षेत्र में रावण दहन का आयोजन किये जाते हैं जो की काफ़ी मशहूर है। इस आयोजन में काफी लोग इकट्ठा होते है। असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक दशहरा पर्व ग्रामीण क्षेत्र में धूमधाम के साथ मनाया गया। बैंडबाजों व सुंदर झांकियों के बीच विजयादशमी का जुलूस निकाल कर रावण के पुतले का दहन किया गया।
विभिन्न स्थानों पर दशहरा मेला आयोजित हुआ। मां के दर्शन के लिए दोपहर होने के साथ हर कदम निकल पड़े थे पंडालों की ओर। मां दुर्गा का दर्शन राम-रावण युद्ध के बाद रावण के पुतले का दहन आकर्षण का केंद्र रहा। मेले के मद्देनजर जगह जगह, तरह तरह की दुकानें सजीं रहीं। बच्चों ने मिट्टी के खिलौने मिठाई गुब्बारा धनुष बाण आदि की जमकर खरीददारी की।
मेले के दौरान बाजारों में चहल-पहल रही। इस दौरान गुड़ की जलेबी जो कि यहां का विशेष पकवान है उसको खासा पसंद किया जाता है। इसी कड़ी मे भीमबर बाजार में दशहरे का पर्व बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया।जहाँ पर दुर्गा पूजा समितियों के द्वारा दुर्गा पूजा पंडालों की भव्य सजावट किया गया था जिसे देखकर मेले में आये लोगोँ का मनमुग्ध और दिल आनन्दित हो गया। भीमबर के चारों और कई दूर्गा पूजा पंडाल लगे थे ।उत्तर की ओर बाल दुर्गा पूजा समिति, उसके बाद मध्य में नरोत्तम ब्रह्म दुर्गा पूजा समिति,पश्चिम में भारत मित्र मंडल दुर्गा पूजा समिति,मेले की सुरक्षा व्यवस्था को संभाल रही
बिलारियागंज थाने पुलिस थानाध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार सिंह ,सब इंपेक्टर आकाश कुमार, और मय पुलिस फोर्स का शक्त बंदोबस्त था।मेले काफी रौनक देखने को मिली ।परन्तु कोरोना महामारी का भी असर देखने को मिला।महगाई कमरतोड़ है उनका भी प्रभाव मेले पर पड़ा।