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कोरोना कचरे का निस्तारण हमारे लिए खतरनाक चैलेंज.ज्योति बाबा बायोमेडिकल कोरोना वेस्ट का निस्तारण स्वस्थ मानव समाज के लिए जरूरीज्योति बाबा

कानपुर 11 जून l कोविड बायोमेडिकल कचरे का अगर ठीक से निस्तारण न किया जाए तो यह जानलेवा होने के साथ कोरोना संक्रमण व अन्य बीमारियों को फैलाने का प्रमुख वाहक बन सकता है,विश्व स्वास्थ संगठन ने अपने एक अध्ययन में पहले ही बता चुका है कहानी आगे जरूर पढ़े

धर्मेंद्र सिंह राठौर
  • Jun 11 2021 5:55PM
कानपुर 11 जून l कोविड बायोमेडिकल कचरे का अगर ठीक से निस्तारण न किया जाए तो यह जानलेवा होने के साथ कोरोना संक्रमण व अन्य बीमारियों को फैलाने का प्रमुख वाहक बन सकता है,विश्व स्वास्थ संगठन ने अपने एक अध्ययन में पहले ही बता चुका है कि अब से 10 साल पहले 2010 में इंजेक्शनो के असुरक्षित निस्तारण के कारण पूरी दुनिया में एचआईवी के 33800 हेपेटाइटिस बी के 17 लाख और हेपेटाइटिस सी के तीन लाख से ज्यादा मामले पैदा हुए थे,इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि कोरोना टीकाकरण के इस दौर में अगर सिरिंज और सुईयो का उचित निस्तारण ना हुआ तो पर्यावरणीय संकट उत्पन्न होना तय है उपरोक्त बात सोसायटी योग ज्योति इंडिया,उत्तर प्रदेश वैश्य व्यापारी महासभा,वंचित समाज अनुसूचित जाति कल्याण महासमिति व संत रविदास सेवा समिति के संयुक्त तत्वाधान में नशा हटाओ कोरोना मिटाओ हरियाली लाओ प्रदूषण हटाओ अभियान के तहत आयोजित ई -संगोष्ठी शीर्षक " क्या एनवायरमेंटल क्राइसिस से बचने के लिए सिरिंज और सुईयो का सेफ डिस्पोजल जरूरी ?" पर अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख योग गुरु ज्योति बाबा ने कही,बाबा जी ने बताया कि अकेले भारत को ही अपनी 135 करोड़ की आबादी में करीब 60 फ़ीसदी के टीकाकरण के लिए 150 करोड़ सिरिंज की जरूरत होगी जितनी सुईयो की जरूरत होगी उसे पृथ्वी के चारों ओर लगभग 3.8 बार लपेटा जा सकता है l राष्ट्रीय संरक्षक डॉ आर पी भसीन ने कहा की एक रिपोर्ट से सीपीसीबी द्वारा एनजीटी को दी गई जानकारी के अनुसार देश में करीब 1.6 लाख हेल्थ केयर सेंटर बिना अनुमति के चल रहे हैं इसीलिए इन सेंटर्स को बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के अंतर्गत अनुमति नहीं मिली है जबकि रिपोर्ट बताती है कि केवल 1.1 लाख हेल्थ केयर सेंटर को ही अनुमति दी गई है ऐसे में इन सेंटर्स द्वारा उत्पन्न हो रहा बायोमेडिकल कचरा अपने आप में स्वस्थ समाज के लिए बड़ा खतरा बन रहा है l डॉ रविंद्र नाथ चौरसिया निवर्तमान अध्यक्ष आई एम ए ने कहा कि इस कोरोना और ब्लैक फंगस महामारी में बायो मेडिकल कचरे में कैप,मास्क,प्लेसेंटा,पैथोलॉजिकल कचरा प्लास्टर ऑफ पेरिस,ऑपरेट करने के बाद निकाले गए अंग, एक्सपायर हो चुकी दवाएं,रेडियो एक्टिव कचरा,डायलिसिस किटस,यूरिन बैग्स,केमिकल कचरा जैसी अन्य कई चीजें शामिल हैं जिनका वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण न करने पर पर्यावरण के साथ इंसानों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा l संगोष्ठी का संचालन डॉक्टर धीरेंद्र कुमार दोहरे,धन्यवाद रविशंकर हवेलकर सदस्य प्रदेश शासन समिति ने दिया l अंत में मानव समाज को बायोमेडिकल वेस्ट के खतरों से बचाने के लिए योग गुरु ज्योति बाबा ने ई-शपथ दिलाई l अन्य प्रमुख सत्य प्रकाश गुलहरे,प्रदेश अध्यक्ष, भूपेंद्र भाटिया आर्ट आफ लिविंग,गणेश गुप्ता प्रदेश महामंत्री वरिष्ठ समाजसेवी उमेश शुक्ला,दिलीप कुमार सैनी,शिक्षक,रोहित कुमार सोशल एक्टिविस्ट,विजय कुशवाहा,विमल माधव वूमेन एक्टिविस्ट गीता पाल मानवाधिकार वादी इत्यादि थी l 

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