घाटों के शहर कहे जाने वाले बनारस में गंगा नदी का प्रदूषण रोकने की कवायद तेजी से चल रही है। गंगा नदी के प्रदूषण को केंद्र सरकार की योजनाओं से काफी अंतर आया है। इसी कड़ी में गंगा नदी पर चलने वाली डीजल की नावें अब बन्द करने पर बनारस नगर निगम काम कर रहा है। बनारस में गंगा नदी पर अब डीजल की जगह CNG से चलने वाली नावों का संचालन किया जाएगा।
दरसल वाराणसी के 84 घाटों पर हर तरफ सिर्फ नाव ही नाव देखने को मिलती है। लेकिन इन नावों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण को बढ़ाने के साथ ही मां गंगा को अशुद्ध भी करने का काम करता है. क्योंकि इन नावों में ईंधन के रूप में डीजल का इस्तेमाल होता है। इसको लेकर पर्यावरण विभाग काफी चिंतित है। इसी को लेकर अब गंगा में चलने वाली डीजल बोट को सीएनजी से चलाने की तैयारी तेज हो गई है। इसके लिए वाराणसी नगर निगम और नागरिकों के बीच वार्ता भी हो चुकी है और जल्द ही ट्रायल करके अन्य नावों में भी सीएनजी किट लगाए जाएंगे। डीजल के दामों में हुई बढ़ोतरी ने नाविकों को संकट में डाल दिया है ऐसे में।अगर नावों में सीएनजी किट लग जाएं तो इन नाविकों पर डीजल की बढ़ती कीमत का असर नहीं पड़ेगा।
वाराणसी में गंगा नदी के किनारे 11 किलोमीटर के विस्तार में एक दूसरे से सटे 84 घाट हैं और इन घाटों पर लगभग 1500 की संख्या में मोटर बोट डीजल से चलती हैं। नगर निगम ने नाविकों से बैठक कर यह फैसला किया है कि जल्द ही डीजल से चलने वाली मोटर वोट में CNG किट लगाई जाएगी इससे प्रदूषण पर रोक लगेगी और मां गंगा को भी हानि नहीं पहुंचेगी।