सुदर्शन के राष्ट्रवादी पत्रकारिता को आर्थिक सहयोग करे

Donation

*फर्जीवाड़ा कर नजूल की भूमि बेचने वाले धर्मराज सिंह अपने पैतृक गांव से हुए गिरफ्तार*

*फर्जीवाड़ा कर नजूल की भूमि बेचने वाले धर्मराज सिंह अपने पैतृक गांव से हुए गिरफ्तार* ------------------------------------------------------------------------------------ *आखिरकार करोड़ो रुपये की नजूल की भूमि बेचने वाले थाना बेनीगंज ग्राम बक्स खेड़ा ग्रामसभा उमरारी के निवासी धर्मराज सिंह की कल उनके पैतृक गांव बक्स खेड़ा से गिरफ्तारी हो गई* आपको बताते चले कि नगर पालिका परिषद हरदोई के अधिशासी अधिकारी रवि शंकर शुक्ला की तहरीर पर एफआईआर कोतवाली शहर में दिनांक 23 जून 2022 को फर्जीवाड़ा कर नजूल की जमीन बेचने वाले धर्मराज सिंह के खिलाफ दर्ज की गई थी।अधिशासी अधिकारी ने अपनी तहरीर में साफ तौर पर लिखा था कि धर्मराज सिंह ने अवैध रूप से तथ्यों को छुपा कर नजूल की जमीन को बेचा है जो शासकीय नुकसान का कृत्य है।कोतवाली शहर की पुलिस ने तहरीर के आधार पर धारा 420,467,468 के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत कर लिया था।आपको बताते चले कि उच्च न्यायालय की अधिवक्ता अंशु सिंह ने मंडलायुक्त लखनऊ को शिकायती पत्र दिया था और आरोप लगाया था कि भूमाफिया धर्मराज सिंह ने नगर पालिका परिषद हरदोई की मिलीभगत के चलते नियमविरुद्ध नजूल की भूमि को करोड़ो रूपये में बेच डाला है अंशु सिंह ने सभी दोषियों पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की थी।उच्च न्यायालय की अधिवक्ता अंशू सिंह के शिकायती पत्र को संज्ञान में लेते हुए अपर आयुक्त ने दिनांक 16/03/2022 को जिलाधिकारी हरदोई को जांच कर कार्यवाही करने का आदेस कर दिया था।शिकायतकर्ता अंशु सिंह के अनुसार नजूल की भूखंड सँख्या 292,292/1 को राज्य सरकार ने दिनांक 28/06/1964 को बालेस्वर प्रसाद पुत्र ईश्वर चन्द्र को 30 वर्षो के लिए उपरोक्त भूखंड लीज पर दिया था। बालेस्वर की मृत्य के बाद बालेस्वर के वारिसों ने अवैध रूप से दिनांक 22/12/1978 को नजूल की भूमि को जो जमीन लीज पर थी उस जमीन को अजय प्रताप सिंह, प्रेमवती,व धर्मराज सिंह के पक्ष में विक्रय कर दिया था। अजय प्रताप सिंह व प्रेमवती की मृत्यु के बाद धर्मराज सिंह ने साठगांठ कर सरकारी नजूल की भूमि को अपने नाम नगर पालिका परिषद के अभिलेखों में दर्ज करा लिया था।दिनांक 27/06/1994 को पट्टे की अवधि समाप्त हो गई राज्य सरकार द्वारा पट्टे का नवीनीकरण भी नही किया गया। जिस कारण नियमतः स्वतः ही उपरोक्त जमीन राज्य सरकार के खाते में आपरूप निहित हो गई थी लेकिन धर्मराज सिंह ने नजूल की जमीन को बालकृष्ण अग्रवाल,अनीता अग्रवाल,द्वारिका प्रसाद अग्रवाल,रेनू अग्रवाल, अनिल अग्रवाल,अल्पना अग्रवाल,अजय अग्रवाल,पूनम अग्रवाल निवासी सिविल लाइंस हरदोई को नियमविरुद्ध तरीके से करोड़ो रूपये में बेच दिया था।जब प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की गई तब फर्जीवाड़ा सामने आया था।रिपोर्ट अमित श्रीवास्तव

अमित श्रीवास्तव पत्रकार सुदर्शन न्यूज
  • Oct 8 2022 12:04PM
*फर्जीवाड़ा कर नजूल की भूमि बेचने वाले धर्मराज सिंह अपने पैतृक गांव से हुए गिरफ्तार
आखिरकार करोड़ो रुपये की नजूल की भूमि बेचने वाले थाना बेनीगंज ग्राम बक्स खेड़ा ग्रामसभा उमरारी के निवासी धर्मराज सिंह की कल उनके पैतृक गांव बक्स खेड़ा से गिरफ्तारी हो गई

आपको बताते चले कि नगर पालिका परिषद हरदोई के अधिशासी अधिकारी रवि शंकर शुक्ला की तहरीर पर एफआईआर कोतवाली शहर में दिनांक 23 जून 2022 को फर्जीवाड़ा कर नजूल की जमीन बेचने वाले धर्मराज सिंह के खिलाफ दर्ज की गई थी।

अधिशासी अधिकारी ने अपनी तहरीर में साफ तौर पर लिखा था कि धर्मराज सिंह ने अवैध रूप से तथ्यों को छुपा कर नजूल की जमीन को बेचा है जो शासकीय नुकसान का कृत्य है।कोतवाली शहर की पुलिस ने तहरीर के आधार पर धारा 420,467,468 के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत कर लिया था।

आपको बताते चले कि उच्च न्यायालय की अधिवक्ता अंशु सिंह ने मंडलायुक्त लखनऊ को शिकायती पत्र दिया था और आरोप लगाया था कि भूमाफिया धर्मराज सिंह ने नगर पालिका परिषद हरदोई की मिलीभगत के चलते नियमविरुद्ध नजूल की भूमि को करोड़ो रूपये में बेच डाला है अंशु सिंह ने सभी दोषियों पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की थी।उच्च न्यायालय की अधिवक्ता अंशू सिंह के शिकायती पत्र को संज्ञान में लेते हुए अपर आयुक्त ने दिनांक 16/03/2022 को जिलाधिकारी हरदोई को जांच कर कार्यवाही करने का आदेस कर दिया था।

शिकायतकर्ता अंशु सिंह के अनुसार नजूल की भूखंड सँख्या 292,292/1 को राज्य सरकार ने दिनांक 28/06/1964 को बालेस्वर प्रसाद पुत्र ईश्वर चन्द्र को 30 वर्षो के लिए उपरोक्त भूखंड लीज पर दिया था। बालेस्वर की मृत्य के बाद बालेस्वर के वारिसों ने अवैध रूप से दिनांक 22/12/1978 को नजूल की भूमि को जो जमीन लीज पर थी उस जमीन को अजय प्रताप सिंह, प्रेमवती,व धर्मराज सिंह के पक्ष में विक्रय कर दिया था।
 अजय प्रताप सिंह व प्रेमवती की मृत्यु के बाद धर्मराज सिंह ने साठगांठ कर  सरकारी नजूल की भूमि को अपने नाम नगर पालिका परिषद के अभिलेखों में दर्ज करा लिया था।

दिनांक 27/06/1994 को पट्टे की अवधि समाप्त हो गई राज्य सरकार द्वारा पट्टे का नवीनीकरण  भी नही किया गया। जिस कारण नियमतः स्वतः ही उपरोक्त जमीन  राज्य सरकार के खाते में आपरूप निहित हो गई थी लेकिन धर्मराज सिंह ने नजूल की जमीन को बालकृष्ण अग्रवाल,अनीता अग्रवाल,द्वारिका प्रसाद अग्रवाल,रेनू अग्रवाल, अनिल अग्रवाल,अल्पना अग्रवाल,अजय अग्रवाल,पूनम अग्रवाल निवासी सिविल लाइंस हरदोई को नियमविरुद्ध तरीके से करोड़ो रूपये में बेच दिया था।

जब प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की गई तब फर्जीवाड़ा सामने आया था।

रिपोर्ट अमित श्रीवास्तव

सहयोग करें

हम देशहित के मुद्दों को आप लोगों के सामने मजबूती से रखते हैं। जिसके कारण विरोधी और देश द्रोही ताकत हमें और हमारे संस्थान को आर्थिक हानी पहुँचाने में लगे रहते हैं। देश विरोधी ताकतों से लड़ने के लिए हमारे हाथ को मजबूत करें। ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहयोग करें।
Pay

ताज़ा खबरों की अपडेट अपने मोबाइल पर पाने के लिए डाउनलोड करे सुदर्शन न्यूज़ का मोबाइल एप्प

Comments

संबंधि‍त ख़बरें

ताजा समाचार