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दिल्ली के अस्पतालों पर हो सकता है आतंकी हमला, कोरोना संक्रमितों की शक्ल में आतंकी कर चुके है अस्पतालों की रेकी, मरीज़ के रूप अभी भी अस्पतालों में मौजूद हो सकते हैं जमाती आतंकी, अलर्ट पर अस्पताल

दिल्ली के अस्पतालों पर हो सकता है आतंकी हमला, कोरोना संक्रमितों की शक्ल में आतंकी कर चुके है अस्पतालों की रेकी, मरीज़ के रूप अभी भी अस्पतालों में मौजूद हो सकते हैं जमाती आतंकी, अलर्ट पर अस्पताल

Mukesh Kumar
  • Jun 24 2020 12:36AM

दिल्ली के अस्पतालों पर हो सकता है आतंकी हमला, कोरोना संक्रमितों की शक्ल में आतंकी कर चुके है अस्पतालों की रेकी, मरीज़ के रूप अभी भी अस्पतालों में मौजूद हो सकते हैं जमाती आतंकी, अलर्ट पर अस्पताल
दिल्ली की सुरक्षा पर आतंकी हमले का खतरा अभी भी बना हुआ हैं । कश्मीर के आतंकियों का दिल्ली पहुंचने की खुफिया जानकारी के बाद अलर्ट जारी कर दिया गया है। इससे पहले भी दिल्ली की सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी हुए हैं और दिल्ली ने आतंकी हमले भी झेले हैं। दिल्ली के सभी वीआईपी और वीवीआईपी की सुरक्षा की समीक्षा की जा रही है। राष्ट्रीय महत्व की सभी इमारतों ऑफिस,संसद भवन और सरकारी कार्यालयों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आतंकी कोरोना काल में यदि हमला करते हैं तो उसका निशाना दिल्ली के सरकारी महत्व की बिल्डिंगे या वीआईपी नहीं होंगे। अगर हमले के ट्रेंड को देखें तो ज्यादातर आतंकी हमले भीड़भाड़ वाले इलाके में ही होते रहे हैं। आतंकियों का मंसूबा अधिक से अधिक जान-माल के नुकसान पहुंचाने का होता है। इस लिहाज से कोरोना काल में बाजारों में भीड़ नहीं के बराबर हैं। सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल अम्यूजमेंट पार्क और मंदिर सभी बंद है लिहाजा यहां फुट फॉल ना के बराबर हैं और फुटफॉल कम होने के कारण यह आतंकियों का टारगेट नहीं हो सकता। यदि फुट फॉल या वैसे जगह की बात करें जहां कोरोना काल में सबसे ज्यादा आवाजाही हो रही है तो वह हॉस्पिटलस हैं, खास कर सरकारी अस्पतालों । लिहाजा दिल्ली सहित देश के दूसरे बडे़ राज्यों के अस्पतालों पर भी आतंकी हमले का खतरा मंडरा रहा है। खुफिया जानकारी के मुताबिक आतंकी अस्पतालों को अपना निशाना बना सकते हैं । यह एक आसान टारगेट हो सकता है क्योंकि अस्पतालों की सुरक्षा निजी गार्ड के हवाले होती है, जिसे आसानी से तोड़ा जा सकता है। बड़े और सबसे ज्यादा मरीजों को भर्ती करने की क्षमता रखने वाले अस्पतालों और जिन अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था कमजोर है आतंकी उन्हें अपना निशाना बना सकते हैं। दिल्ली सरकार के अधीन करीब 500 से ज्यादा अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र हैं जबकि केंद्र सरकार के अंतर्गत एम्स और सफदरजंग जैसे बड़े अस्पतालों को मिला कर करीब एक दर्जन अस्पताल है। अस्पताल चाहे केंद्र सरकार के अधीन हो या दिल्ली की केजरीवाल सरकार के अधीन कहीं भी सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था नहीं है। सुरक्षा के नाम पर इन अस्पतालों में निजी सुरक्षा गार्ड है जिनके पास हमले जैसी स्थिति से निपटने के लिए ना तो कोई अनुभव होता है और ना ही कोई हथियार। अस्पतालों के अलावे रेलवे और राज्य सरकार द्वारा बनाए गए करेंटिन सेंटरों को भी निशाना बनाया जा सकता है क्योंकि इन जगहों पर भी संक्रमितों की संख्या तो ज्यादा है ही सुरक्षा के कोई खास प्रबंध नहीं है लिहाजा ये सेंटर आतंकियों के निशाने पर हो सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आतंकी कोरोना संक्रिमित जमाती की शक्ल में अस्पताल और करेंटिन सेंटर की रेकी कर चुके हैं। और अभी भी कुछ अस्पतालों और करेंटिन सेंटर में संक्रमित मरीज की वेश में अस्पतालों और करेंटिन सेंटर में मौजूद हैं। खुफिया जानकारी के मुताबिक सरकार राममनोहर लोहिया अस्पताल और डीडीयू हॉस्पिटल हरि नगर पर खुफिया तौर पर नजर बनाए हुए है।

 

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