दिल्ली के उपराज्य्पाल अनिल बैजल के अचानक इस्तीफे ने सबको सख्ते में डाल दिया है। इससे पहले भी अनिल बैजल और आम आदमी पार्टी के बीच दूरियां देखी गई थी। दूरियों के बाबजूद अनिल बैजल सरकार से हटकर फैसले लेने के लिए जाने जाते रहे हैं। लेकिन बुधवार दोपहर को अचानक अनिल बैजल ने निजी कारणों का हवाला देकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया जो कि दिल्ली की राजनीतक गलियारों में सरगर्मी लाने जैसा था।
अनिल बैजल दिसंबर 2016 में उप राज्यपाल बनाए गए थे। वे इस पद पर 5 साल से ज्यादा समय तक रहे। बैजल ने आज अचानक अपना इस्तीफा प्रेसिंडेट को भेज दिया। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने निजी वजहों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बैजल के बीच कई बार फैसलों को लेकर टकराव देखा गया। इस साल की शुरुआत में जब कोरोना जोर पकड़ रहा था, तो वीकेंड कर्फ्यू और सभी दुकानों के लिए ऑड-ईवन के नियम को लेकर दोनों आमने-सामने आ गए थे।
एक और दिल्ली सरकार और अनिल बैजल के बीच विवाद सामने आया था इतना ही नहीं, दोनों के बीच दिल्ली में 1000 बसों की खरीद प्रक्रिया पर भी तकरार देखने को मिला। बैजल ने इस मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय पैनल बनाने का निर्देश दिया था, जिसमें एक रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर, विजिलेंस विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर शामिल था।