हुर्रियत कांफ्रेंस के माध्यम से भारतमाता के मणिमुकुट कहे जाने वाले कश्मीर में अलगाववाद व आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान परस्त सैय्यद अली शाह गिलानी की मौत हो गई है. गद्दार-ए-हिन्दुस्थान सैय्यद अली शाह गिलानी पिछले काफी समय से बीमार था तथा उसकी पाकिस्तान व आतंकवाद परस्त गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए सरकार द्वारा नजरबंद रखा गया था.
जब जब कश्मीर में अलगावाद की बात आएगी, जब जब कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने की बात आएगी, जब जब कश्मीरी युवाओं को मजहबी उन्माद का पाठ पढ़ाकर, 72 हूरों के सपने दिखाकर आतंकवाद के दलदल में धकेलने की बात आएगी, तब सैय्यद अली शाह गिलानी को जरूर याद किया जाएगा. सैय्यद अली शाह गिलानी वो व्यक्ति था जो हिन्दुस्थान की पावन हवा में सांस लेता था, हिन्दुस्थान का अन्न खाता थ, हिन्दुस्थान की सरकार से तमाम सुविधाएं लेता था लेकिन हमेशा पाकिस्तान परस्त व भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देता था.
एक बार सैय्यद अली शाह गिलानी ने सुदर्शन टीवी के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके जी को इंटरव्यू करने की चुनौती दी थी. इसके बाद सुरेश चव्हाणके जी इसका इंटरव्यू लेने के लिए कश्मीर गए थे. सुरेश जी सैय्यद अली शाह गिलानी के घर के बाहर खड़े रहे थे लेकिन इसने इंटरव्यू देने के लिए दरवाजा नहीं खोला था. सुरेश जी के सवालों से बचने के लिए गिलानी ने बहाना बनाया था कि इस इंटरव्यू से दंगे फैल सकते हैं, और इसने इंटरव्यू देने से इंकार कर दिया था.