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इजराइल को सबक सिखाने के लिए ईरान ने की मिसाइलों की तैयारी,कच्चा तेल 90 डॉलर के पार

हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन में कच्चे तेल की कीमत में एक फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है।

Priyanshi Nigam
  • Apr 13 2024 5:13PM

हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन में कच्चे तेल की कीमत में एक फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। जिसमें अब, इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम फिर से 90 डॉलर के पार पहुंच गए है। दरअसल, इसका कारण ईरान की ओर से अपने बैलेस्टिक मिसाइलों को इजरायल के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए तैयार करना है।  

जानकारी के लिए बता दे कि   इंटरनेश्नल मार्केट में 12 अप्रैल को कच्चे तेल की कीमत एक फीसदी यानी 0.79 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 90.45 डॉलर पर पहुंच चुकी है। साथ ही बात करे  अगर पिछले हफ्ते यानी 10 अप्रैल को कच्चे तेल की कीमत 88.83 डॉलर थी,जिसके बाद से इसमें 1.82 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। 

बता दें कि इंटरनेश्नल मार्केट में कच्चे तेल का दाम 90 डॉलर पार हो गया है । दाम में बढ़ोतरी इसलिए देखने को मिल रही है दरअसल इसका कारण यह है कि ईरान की ओर से अपने बैलेस्टिक मिसाइलों को इजरायल के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए तैयार करना है।  जिसका असर दुनिया के कच्चे तेल की कीमतों पर देखने को मिल रहा है।


जिस कारण से हफ्ते  के आखिरी कारोबारी दिन में कच्चे तेल की कीमत में एक फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। खास बात तो ये है कि इस हफ्ते में अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी यानी आईईए ने ग्लोबल ऑयल डिमांड में मंदी के संकेत दिए थे। वहीं अमेरिकी सेंट्रल बैंक की ओर से ब्याज दरों में कटौती में देरी के संकेत मिले हैं। जिसका असर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के रूप में दिखाई दे रहा है।

यहाँ दिए गए आंकड़ों के अनुसार, खाड़ी देशों का तेल में 0.8 फीसदी की गिरावट आई है और अमेरिकी कच्चे तेल के दाम 1 फीसदी से ज्यादा टूटे हैं। 10 अप्रैल को, तेल के दाम 89 डॉलर प्रति बैरल से भी कम हो गए थे। यह संकेत दे सकता है कि वैश्विक तेल बाजार में कुछ गतिविधि की वजह से तेल के दामों में कमी आई है। इसके अलावा, खाड़ी देशों की तेल उत्पादन और बिक्री में कोई बाधाएं या संकट हो सकता है जो इस गिरावट का कारण हो सकता है।

 मिडिल ईस्ट क्षेत्र में तनाव का बढ़ना तेल के बाजार में आक्रोश को बढ़ा सकता है, और इससे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। ईरान की ओर से आतंकवादी गतिविधियों के आरोप और दक्षिणी अफ्रीका में सरकार के साथ विवाद की स्थिति में बढ़ते तनाव ने बाजार को असंतुलित किया है। इस कारण कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है, जिससे उत्पादक और उपभोक्ता दोनों को नुकसान हो सकता है। यह तनाव भविष्य में भी बाजार की स्थिति को प्रभावित कर सकता है।

कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी

इसका मतलब है कि इस हफ्ते दोनों खाड़ी देशों का तेल और अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आई है। खाड़ी देशों का तेल ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम में 0.79 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जो 90.45 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचा है।

इसके साथ ही, अमेरिकी कच्चे तेल के दाम में भी 0.75 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली है, जो 85.66 डॉलर प्रति बैरल है। यह तेजी का उत्पन्न होने का मुख्य कारण संभावित आपूर्ति में कटौती और भविष्य में क्षेत्र में तनाव की आशंका हो सकती है, जो बाजार में उत्साह को बढ़ा रहा है।

बैलेस्टिक मिसाइलों के इजराइल के खिलाफ बाहर निकालने का खतरा

जानकारी के अनुसार, यह तनाव ईरान और इजराइल के बीच सप्लाई चेन को प्रभावित कर सकता है, जिसके कारण तेल की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा, ईरान की बैलेस्टिक मिसाइलों के इजराइल के खिलाफ बाहर निकाल लिए जाने का खतरा है, जो कि और भी तनाव को बढ़ा सकता है। इस अवस्था में, सप्लाई चेन के मुद्दे सबसे बड़े रिस्क के रूप में होते है।, और यह बाजार के विकल्पों पर असर डाल सकता है।


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