देश की राजधानी दिल्ली में एमसीडी के अंदर आने वाली गौशालाओं का हालात बद से बदतर हो चली है। कारण ये है की एमसीडी की तरफ़ से क़रीब तीन साल से नही मिला है फंड। सुदर्शन न्यूज़ ने दिल्ली एनसीआर की सबसे बड़ी गौशाला बवाना रोड पर स्तिथ का जायज़ा लिया। जहाँ क़रीब 9 हज़ार के क़रीब गाय और बैल है। श्री कृष्णा गौशाला के मैनेज़र ध्यानी जी से बात की तो उन्होंने बताया की क़रीब तीन साल से हमें एमसीडी की तरफ़ से 18 करोड़ का बकाया नही मिला है। जिसकी वजह से अब हमारे पास सिर्फ़ अगले 7 दिन तक का ही चारा बचा है । और उसके बाद हमें इन सभी गौमाताओं का ना चाहते हुए भी सड़कों पर छोड़ना पड़ेगा।
दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद निगम को प्रति गाय 20 रुपए इन गौशालाओं को देना था लेकिन बदक़िस्मती देखिए क़रीब तीन साल से कुछ नही मिला जो अब जाकर क़रीब 18 करोड़ पहुँच गया है। सुदर्शन न्यूज़ ने इस गौशाला के अस्पताल का हाल भी देखा जहाँ दिल्ली और एनसीआर में जहाँ भी गौमाता का ऐक्सिडेंट या बीमार हो जाती है तो इसी गौशाला के अस्पताल में इलाज के लिए लाया जाता है। जिसका खर्चा क़रीब 7 से 8 लाख रुपए प्रतिमाह है दवाई से लेकर और दूसरे खर्चे मिलाकर अगर पैसा नही मिलता है तो ये अस्पताल भी बंद करना पड़ेगा। तो वही दूसरी तरफ़ एमसीडी और दिल्ली सरकार आरोप प्रत्यारोप एक दूसरे पर लगा रहे है। लेकिन अब देखना ये होगा की कब तक गौमाताओं के लिए ये पैसा मिलता है