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गौवंशों को लगभग रोजाना काटने ले जा रहे तस्कर, पर प्रशासन को नज़र नहीं आता...गौपुत्रों ने फिर बचाये अनेक गौवंश...ये छत्तीसगढ़ है

आँकड़ों की मानें तो क्या गौतस्करों के लिये सेफ़ जोन बन गया है छत्तीसगढ़? कलेक्टर के कस्टम मिलिंग पास लगाकर हो रही है गौतस्करी, पर इस एंगल में जाँच तक नहीं

Yogesh Mishra
  • May 21 2021 4:44PM
छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार गौवंशों की सेवा करने और गौपालकों को आर्थिक रुप से समृद्ध बनाने के लिए कई तरह की योजनाएं बनाने का दावा करती है। बाकायदा गौपालकों को सरकार समय-समय पर आर्थिक रूप से भुगतान भी करती रहती है, लेकिन इन दावों के उलट छत्तीसगढ़ के अलग-अलग क्षेत्रों में लगभग रोजाना गोवंश तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं। 




इन मामलों को देख प्रशासन आंख में पट्टी बांध कर बैठा नजर आता है, जिसके बाद अपनी जान जोखिम में डालकर के हिंदू संगठन के कार्यकर्ता देर रात्रि तक भी कई बार गौवंशों के प्राण बचाते नजर आते हैं।





छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले की संगीत नगरी खैरागढ़ और धार्मिक नगरी डोंगरगढ़ में बजरंग दल से जुड़े हिंदू कार्यकर्ताओं ने दो ट्रकों में भरकर ले जा रहे गौवंश की जान बचाई है, जिन्हें गौ तस्कर शातिराना तरीके से कत्लखाने लेकर जा रहे थे। 




धान उपार्जन का आदेश पत्र लगाकर झोंक रहे धूल

इनमें से एक ट्रक में बकायदा बिलासपुर जिला कलेक्टर (खाद्य शाखा) के द्वारा जारी किए जाने वाले कस्टम मिलिंग संबंधी धान के ट्रांसपोर्टेशन आदेश पत्र तक को चस्पा किया गया है, ताकि प्रशासन को आसानी से धोखा दिया जा सके। लेकिन हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने जालसाजी करने वाले गौ तस्करों को धरा भी, तो पुलिस ने इन पर शासकीय दस्तावेज के दुरुपयोग, या जालसाजी सम्बंधित कोई कार्यवाही फिलहाल नहीं की है। ऐसे में छत्तीसगढ़ में गौवंश पर किस तरह से गौ तस्कर धड़ल्ले से अत्याचार करने में लगे हुए हैं, वह एक बार फिर इस घटना से साबित हो गया है। 




शासन मौन, प्रशासन मौन

इससे पहले भी छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में गोवंश तस्करी के मामले सामने आते रहे हैं। जिस दुर्ग संभाग से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आते हैं, प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, प्रदेश के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, प्रदेश के वन मंत्री मोहम्मद अकबर, मंत्री गुरु रूद्र कुमार, मंत्री अनिला भेड़िया जैसे मंत्री आते हैं। उस संभाग में भी गौवंश तस्करी के मामले धड़ल्ले से सामने आते रहे हैं, जो बताते हैं कि ऐसे व्हीआईपी व्यक्तियों के सम्भाग में भी गौ तस्करों के हौसले कितने बुलंद हैं।








धर्मनगरी और संगीत नगरी में बचाये गये गौवंश

सुदर्शन न्यूज़ से बातचीत में हिंदू कार्यकर्ता अंकित द्विवेदी और शुभम यादव ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिलने के बाद दिनांक 19.05.2021 के रात्रि करीबन 11.30 बजे 12 चक्का ट्रक क्रं0 CG11-AB-2061 में बिलासपुर से अवैध रूप से बिना चारा पानी के अपने ट्रक में मवेशी भरकर खैरागढ की ओर आ रही है। सूचना पर गौ सेवक अंकित द्विवेदी, कैलाश तिवारी, मनोज जंघेल, हर्ष मिश्रा, प्रींस कसेर, के साथ करीबन 2.00 बजे रात्रि धरमपुरा पुल के पास गाड़ी को हाथ देकर रोकने का प्रसास किया, नहीं रूका और ट्रक चालक तेज रफ्तार से भागने का प्रयास करने लगा। ईतवारी बाजार सडक मोड़ मे गाड़ी नहीं मुड़ने की वजह से ट्रक चालक गाडी से उतर कर भाग गया। ट्रक में दो लोग सवार थे, जो कि ट्रक से कुदकर भाग गये। 
इस ट्रक में 31 नग मवेशी बैल एवं बछड़ा ठूँसकर बेरहमीपूर्वक भरे हुये थे, जिसमें 04 नग मवेशी बछडा सफेद है, जो मरा हुआ है तथा 03 नग बैल घायल बीमार है जो कि सभी मवेशी ट्रक के डाले मे ही हैं। पुलिस इस ट्रक में भरे सभी मवेशियों का अनुमानित कीमत 1,10.000 रुपये आँकी है। जो अज्ञात आरोपी द्वारा मवेशियों को महाराष्ट्र के बूचड़खाना में जा रहे थे।




वहीं दूसरी घटना में गौसेवकों को मुखबिर से सूचना मिली की 12 चक्का ट्रक क्रमांक सीजी 10 एफ ए 8821 में बिलासपुर से अवैध रूप से बिना चारा पानी के अपने ट्रक में मवेशी भरकर खैरागढ की ओर आ रही है की सूचना पर गौ-सेवक मनोज जंघेल, हर्ष मिश्रा, कैलाश तिवारी, प्रिंस कसेर, शिवम ताम्रकर के एवं अन्य गौ-सेवकों के साथ ट्रक का पीछा करते आ रहे थे कि खैरागढ़ के पास बेरियर को तोडते हुये अपने वाहन क्रमांक सीजी 10 एफ ए 8821 को तेज रफ्तार से चलाते हुये आगे निकल गया एवं जिसका पीछा करते ग्राम अछोली में आज दिनांक 20/05/2021 के रात्रि करीब 03/30 बजे अपने ट्रक वाहन को मेन रोड पर छोडकर व रात्रि होने के कारण अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गये। उक्त ट्रक में कुल करीब 35 मवेशी भरा हुआ है, अज्ञात आरोपी द्वारा उक्त मवेशियों को कत्ल करने की इरादे से कत्लखाना ले जा रहे थे। जिसमें ठूँसकर भरे गये गौवंशों को बचाया गया है।
पुलिस ने दोनों मामलों में छ.ग. कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम की 10 और 11 धाराओं के साथ मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। जबकि कलेक्टर के पास चस्पा सम्बंधित मामले में पुलिस ने फ़िलहाल कार्रवाई करने की कोशिश तक नहीं की है।



सुदर्शन न्यूज़ से इस गम्भीर मुद्दे पर चर्चा के दौरान गौसेवक अंकित द्विवेदी बताते हैं कि जो काम प्रशासन को करना चाहिए, वो काम गौसेवक कर रहे हैं। तब भी पुलिस एफआईआर लिखने में आनाकानी करती है। ऐसे में अंकित ने सुदर्शन न्यूज़ के द्वारा कुछ प्रश्न कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ के जिम्मेदारों से किये हैं।
अंकित पूछते हैं कि इन गौतस्करों का समर्थक कौन है? जिससे ये धड़ल्ले से गौतस्करी कर रहे हैं? इनका सहयोगी कौन? किसके इशारों में तस्करी हो रही? किस-किस नेता बंगले का सहयोग तस्करों को मिल रहा है? कौन कौन पुलिस थानों की सेटिंग है, जिसके कारण कार्रवाई करने में पुलिस के हाथ काँपते हैं? कई बार तस्करों की गाड़ी पास होती है, ऐसे में कौन सा सिपाही करा रहा गाड़ी पासिंग? किस-किस थाने के सामने से निकल रही गाड़ियां? गौ सेवको के फोन पर क्यों नहीं पहुँचती है पुलिस? ये बड़ा सवाल है।
वहीं सरकार इस मामले में मौन क्यों है? और पूर्व सरकार की प्रतिक्रिया क्यों नही आती? ये गम्भीर विषय है।

  
 

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