गौ हत्या पर अब नकेल कसा जा रहा है। अब भारत के दो केन्द्रशाषित प्रदेश दादरा नगर हवेली और दमन दीव में गौहत्यारों पर वज्र प्रहार किया जाएगा अर्थात वहां गौ हत्या पर नया कानून बनाया गया है। अगर कोई वहां गौकशी करता है तो उसे उम्रकैद की सजा होगी तथा 5 लाख रूपए का जुर्माना भरना पड़ेगा। दादरा व नगर हवेली और दमन-दीव में गोहत्या विरोधी कानून को लेकर बड़ा फैसला किया गया है।
बताया जा रहा है कि इस कानून के कड़े प्रविधानों को लागू करने की तैयारी भी कर ली गई है। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने दादरा व नगर हवेली और दमन-दीव के लिए गोहत्या के खिलाफ कड़े कानून को अधिसूचित कर दिया है।
संशोधित कानून के दायरे में गाय, बछड़ा, बछिया, बैल और सांड को शामिल किया गया है। इन मवेशियों के ट्रांसपोर्टेशन और बीफ की बिक्री पर प्रतिबंध होगा। केंद्र शासित दादरा-नगर हवेली और दमन-दीव (राज्य कानूनों के अनुकूलन) दूसरा आदेश 2022 के अनुसार, मंगलवार को दोनों पूर्ववर्ती केंद्र शासित प्रदेशों में लागू बांबे पशु संरक्षण अधिनियम 1954 में संशोधन किया गया है।
अब यह संयुक्त केंद्र शासित प्रदेश में लागू होंगे। यह कानून गुजरात के साथ ही गोवा में भी लागू है।
दो अधिनियमों में पेश किए गए संशोधनों के अनुसार, अनुसूचित पशु की परिभाषा में न केवल गाय, बछड़ा और साड़ बल्कि बैल और बछिया भी शामिल है। इनका वध पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा और साथ ही दादरा नगर हवेली और दमन दीव के संघ राज्य क्षेत्र में एक संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध भी होगा।
हालांकि यह कानून निर्धारित धार्मिक दिनों या धार्मिक उद्देश्यों के लिए गाय, बछिया, बैल, साड़ या बछड़े के अलावा 15 वर्ष से ऊपर के किसी भी जानवर के वध के लिए लागू नहीं होगा।
कानून के प्रावधानों के अनुसार, वध के उद्देश्य से किसी भी प्रतिबंधित मवेशी का केंद्र शासित प्रदेश के दायरे में एक स्थान से दूसरे स्थान पर परिवहन भी बैन होगा। इसके अलावा खेती या पशुपालन के उद्देश्य से पशुओं के परिवहन के लिए एक परमिट जरूरी होगा।