दिल्ली -
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भारत में कोविड 19 की वैक्सीन तैयार करने की कोशिशों में डीबीटी शामिल है। यह देश में वैक्सीन बनाने वाली सभी कंपनियों और संस्थानों के साथ मिलकर काम कर रहा है। डीबीटी इसके लिए आर्थिक मदद देने और मंजूरी दिलाने के साथ ही डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क तक इसे पहुंचाने में मदद करेगा।
सरकार ने 6 अन्य जगह भी तैयार रखी हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर इन जगहों पर भी ह्यूमन ट्रायल किए जा सकें।
तीसरा स्टेज काफी अहम है।
इससे लोगों पर इस टीके के असर का डेटा मिल सकेगा। लोगों को टीका देने से पहला देश के पास यह डेटा होना बेहद जरूरी है।
ट्रायल पूरा होने के बाद और अंतिम मंजूरी मिलने से पहले ही इसे तैयार करना शुरू किया जा सकता है। ऐसे में उत्पादन शुरू होते ही भारत को जरूरत के मुताबिक वैक्सीन मिल सकेंगे
तीसरी स्टेज काफी अहम है, इससे भारत को अपने यहां टीका लॉन्च करने से पहले जरूरी डाटा मिल सकेगा
देश में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, जाइडस कैडिला कंपनी और भारत बायोटेक के वैक्सीन का ट्रायल होगा
ऑक्सफोर्ड और इसके पार्टनर ने वैक्सीन तैयार करने के लिए पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया( सीआईआई) को भी चुना है।
सीआईआई ने ह्यूमन ट्रायल के दूसरे और तीसरे फेज के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से मंजूरी भी मांगी है। सीआईआई दुनिया में सबसे ज्यादा वैक्सीन बनाता है