छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के अंतागढ़ थाना अंतर्गत आने वाले ग्राम मासबरस में ग्रामीण आदिवासियों ने धर्मांतरण कर ईसाई धर्म को अपनाने वाले चार ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ की है। ग्रामीण आदिवासियों का आरोप है कि ईसाई मिशनरियों द्वारा इस क्षेत्र में विभिन्न प्रकार का लालच देकर आदिवासियों का धर्मांतरण करवाया जा रहा है, जो कि आदिवासियों के मूल स्वभाव के विपरीत है ग्रामीण आदिवासियों ने जिन चार घरों में तोड़फोड़ की है, उन लोगों को चेतावनी भी दी है, कि या तो वह गांव छोड़ दें या फिर अपने मूल धर्म में वापस आ जाएं।
बता दें कि धर्मांतरण के प्रति यह आक्रोश पिछले कई दिनों से अंदर ही अंदर पनप रहा था। जो कि सोमवार को सुबह उभर कर सामने आ गया। जब कि लगभग 100 से अधिक ग्राम वासियों ने चार घरों पर धावा बोला और वहां तोड़फोड़ की।
मामला सामने आते ही अंतागढ़ SDM, SDOP और अंतागढ़ थाना प्रभारी,मासबरस गांव पहुँचे, तो इधर पीड़ित पक्ष अपने इसाई धर्म समुदाय के साथ एफआईआर दर्ज करवाने अंतागढ़ थाना पहुंचा। चूंकि थाना प्रभारी खुद मासबरस गए हुए। इसके चलते अंतागढ़ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खोमन सिन्हा ने पीड़ित पक्ष से मुलाकात किया और उनके ज्ञापन को लेकर उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। हालांकि की शाम तक एफआईआर हो सकती है।
तो वही ईसाई धर्म अपना चुके ग्राम मासबरस निवासी सुरेंद्र गावड़े ने बताया कि वे पिछले 7 वर्षों से ईसाई धर्म अपनाते हुए आ रहे हैं, जिसे लेकर मासबरस के ग्रामीणों ने कई बार मीटिंग रख कर पूछा है।
अंतागढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खोमन सिन्हा ने बताया कि अंतागढ़ SDOP, TI, और SDM मौके के लिए घटना स्थल की ओर आ गए हैं। पुलिस का कहना है कि इस घटना में जो भी दोषी है, उनपर कार्यवाही की जाएगी।