इनपुट-संदीप मिश्रा, लखनऊ
क्या पड़ेगा प्रभाव-
परिवहन विभाग के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद लगभग 28000 संविदा कर्मचारी जो लगातार अपने क्षेत्र मे तैनाती को लेकर मांग उठा रहे थे,और जिसका संज्ञान परिवहन मंत्री ने लेते हुए आज एक ऐतिहासिक फैसला लिया जिसके चलते हैं संविदा कर्मचारियों का एक बड़ा तबका इससे लाभान्वित होगा। आपको बताते चलें संविदा चालकों और परिचालकों का वेतन उनके द्वारा तय की गई प्रति किलोमीटर दूरी के आधार पर निर्धारित किया जाता है और कई बार किलोमीटर कम होने की स्थिति में उनको इतना वेतन भी नहीं मिलता था जिससे वह अपने परिवार का भरण पोषण भी आसानी से कर सके जिसके चलते हैं चालक परिचालक यात्रियों को बिना टिकट यात्रा करा कर परिवहन निगम को राजस्व का चूना लगाते थे।
क्यों किया गया नियम में परिवर्तन-
पहले नियमों के अनुसार नियमित कर्मचारियों को ही उनके गृह जनपद मैं तैनाती दी जाती थी लेकिन अब नियमों में परिवर्तन होने के बाद संविदा कर्मचारियों को एक बड़ी सहूलियत मिलेगी और वह भी अपने परिवार के साथ समय गुजार सकेंगे और उनके परिवारिक खर्चों में कमी आएगी।संविदा कर्मचारियों के संगठन के द्वारा लगातार यह मांग की जा रही थी जिसका संज्ञान परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने लेकर इस बाबत परिवहन प्रशासन को निर्देश जारी किए है।
दोनों को ही होगा फायदा -
परिवहन मंत्री के इस फैसले के बाद परिवहन निगम को भी इससे लाभ होगा और संविदा के ड्राइवर-कंडक्टर को भी. दरअसल, अभी तक बेटिकट और बिना बुक किए माल ढोने का पैसा सीधे ड्राइवर-कंडक्टर की जेब में चला जाता था जिससे परिवहन निगम को नुकसान होता था. अब जब वे अपने गृह क्षेत्र पहुंच जाएंगे तो बेटिकट यात्रा कराने से हिचकेंगे, साथ ही माल की ढुलाई भी बुक करके ही करेंगे जिससे रोडवेज को फायदा होगा.