सुदर्शन के राष्ट्रवादी पत्रकारिता को सहयोग करे

Donation

सुदर्शन के पत्रकार पंकज त्रिवेदी की जमीन कब्जाने की साजिश... Love Jihad और भ्रष्टाचार की पोल खोलने की सजा ?

सुशासन की बात करने वाले, प्रेस की स्वतंत्रता की बात करने वाले CM अशोक गहलोत उनके ही अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित पत्रकार पंकज त्रिवेदी को न्याय दिलाएंगे या नहीं? पंकज त्रिवेदी की जमीन पर कब्जा होने से बचाएंगे या नहीं?

Abhay Pratap
  • Mar 26 2023 2:27PM

सुदर्शन न्यूज राजस्थान के बारां जिले के छाबड़ा तहसील के संवाददाता पंकज त्रिवेदी की गलती सिर्फ यह थी कि उन्होंने प्रशासनिक व्यवस्था में स्थानीय स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ किया था. पंकज त्रिवेदी का अपराध ये था कि उन्होंने कभी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया और राष्ट्रधर्म को समर्पित पत्रकारिता करते रहे. ये बात बारां जिले के अधिकारियों को शायद हजम नहीं हुई. जिन खबरों को उठाने के लिए पंकज त्रिवेदी की सराहना की जानी चाहिए थी, उनके लिए पंकज को प्रताड़ित किया जा रहा है. पंकज त्रिवेदी की जमीन हड़पने की कोशिश की जा रही है.

 लगभग 6 दशक पहले जो जमीन पंकज त्रिवेदी के पिताजी ने खरीदी थी, अब उसे फर्जी रजिस्ट्री के माध्यम से हड़पने के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है. जिससे संवाददाता पंकज का परिवार भी परेशान है. पंकज त्रिवेदी का बैकग्राउंड RSS से जुड़ा रहा है. संवाददाता पंकज त्रिवेदी की छवि एक ऐसे पत्रकार की है जो निडरता से अपने क्षेत्र के हित में, आमजन के हित में, भ्रष्टाचार के विरोध खबरों को दिखाते रहे हैं.

संवाददाता पंकज त्रिवेदी ने बारां जिले की छाबड़ा तहसील में स्थानीय स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार का खुलासा किया, लैंड जिहाद की ख़बरों को भी दिखाया. पंकज का कहना है कि इसके बाद उन्हें परेशान किया जाने लगा. न सिर्फ उन्हें मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है, बल्कि उनकी संपत्ति को कब्जाने के प्रयास भी अधिकारियों की मिली भगत से किए जा रहे हैं. पत्रकार पंकज का कहना है कि उनकी जमीन के फर्जी कागजात बना दिए हैं, जिनके आधार उनकी पर कब्जे की साजिशें लंबे समय से हो रही हैं.

छाबड़ा तहसील के सुदर्शन संवाददाता पंकज त्रिवेदी ने बताया कि वह और उनका परिवार अब प्रताड़ना से तंग आ चुका है. लिंक पर क्लिक कर पत्रकार पंकज त्रिवेदी से ही सुनिए पूरा मामला  

 

 

 

संवाददाता पंकज त्रिवेदी ने बताया कि उनका 50x50 का प्लाट उनके जन्म के पहले ही उनके पिता द्वारा खरीदा हुआ है, जिसमें से पश्चिम साइड का हिस्सा 25x50 स्वर्गीय नवनीत भार्गव सन ऑफ रामेश्वर जी भार्गव को संवाददाता के स्वर्गीय पिता ने बेचा था. बाद में उसके पूर्व वाला हिस्सा 25x50 जो स्वयं के पास था. उसमें से एक दुकान स्वर्गीय बालकृष्ण जी त्रिवेदी ने राधेश्याम मालव मास्टर को विक्रय की गई थी. केवल दुकान दुकान के ऊपर छत पर स्वयं बालकृष्ण त्रिवेदी वे उनके वारिसान का आधिपत्य मालिकाना हक एवं कब्जा है. सब कुछ कागजात होते हुए भी बार-बार प्रताड़ित किया जाता है, स्पष्टीकरण मांगा जाता है जबकि संवाददाता कई बार संबंधित दस्तावेज ले जाते हुए स्पष्टीकरण भी दे चुका है.

 यहां एक बात और स्पष्ट करें कि संवाददाता पंकज के पिताजी के द्वारा स्ट्रिप ऑफ लैंड के तहत टुकड़ों में नगर पालिका से जगह खरीदी हुई थी, उसकी भी परमिशन है. निर्माण स्वीकृति है रसीद है, तीन बार नामांतरण हो चुका है. पिता की मृत्यु के बाद माताजी के नाम और माता जी की मृत्यु उपरांत प्रार्थी पंकज त्रिवेदी का नाम नामांतरण निरंतर 42X50 का ही होता है किंतु बार-बार उसको परेशान किया जाता है, षडयंत्र पूर्वक पूर्वक तरमिम गलत की जाती है तो वारिसान एक नामांतरण में किसी और का बताया जाता है फिर बाद में उसमें संशोधन किया जाता है जबकि कई बार मौका मायना संबंधित कर्मचारियों के द्वारा कर रिपोर्ट पेश की जाती है.

 जिस तरह पंकज त्रिवेदी को बारां जिले की छावड़ा तहसील के स्थानीय प्रशासन द्वारा परेशान किया जा रहा है, उसे CM अशोक गहलोत के सुशासन के दावों पर सवाल खड़े हो रहे हैं... अब देखना ये है कि सुशासन की बात करने वाले, प्रेस की स्वतंत्रता की बात करने वाले CM अशोक गहलोत उनके ही अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित सुदर्शन के पत्रकार पंकज त्रिवेदी को न्याय दिलाएंगे या नहीं? पंकज त्रिवेदी की जमीन पर कब्जा होने से बचाएंगे या नहीं?

सहयोग करें

हम देशहित के मुद्दों को आप लोगों के सामने मजबूती से रखते हैं। जिसके कारण विरोधी और देश द्रोही ताकत हमें और हमारे संस्थान को आर्थिक हानी पहुँचाने में लगे रहते हैं। देश विरोधी ताकतों से लड़ने के लिए हमारे हाथ को मजबूत करें। ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहयोग करें।
Pay

ताज़ा खबरों की अपडेट अपने मोबाइल पर पाने के लिए डाउनलोड करे सुदर्शन न्यूज़ का मोबाइल एप्प

Comments

ताजा समाचार